DRDO की ड्रोन विरोधी तकनीक से लैस होगा तिरुपति मंदिर, जानें कैसे करेगा काम और आएगा कितना खर्च
आंध्र प्रदेश में स्थित () में भगवान वेंकटेश्वर की सुरक्षा के लिए जल्द ही रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन () की ड्रोन-विरोधी तकनीक (Anti Drone Technology ) को तैनात किया जाएगा। ऐसा करने वाल तिरुपति देवस्थानम () देश का पहला मंदिर प्रशासन बन जाएगा।
दरअसल इसी साल जूनके महीने में जम्मू में वायु सेना के एक अड्डे पर हुए आतंकी हमले में एक ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। डीआरडीओ ने बीते 6 जुलाई को तीनों सेवाओं के लिए कर्नाटक के कोलार में अपने ड्रोन-विरोधी सिस्टम के प्रदर्शनी दिखाई थी। इसमें टीटीडी सतर्कता और सुरक्षा विंग के प्रमुख, गोपीनाथ जट्टी भी देश भर के विभिन्न पुलिस विभागों के प्रतिनिधियों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए थे।
उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने पर भी हो रहा काम
डीआरडीओ ने रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) को अपने एंटी ड्रोन सिस्टम के निर्माण और विपणन के लिए नामित किया है। उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने के लिए प्रौद्योगिकी भागीदारों के लिए कुछ शीर्ष कंपनियों के साथ भी बातचीत कर रहा है।
4 KM दूर से ड्रोन के जीपीएस का कर देगा खात्मा
इस प्रणाली में रेडियो फ्रीक्वेंसी जैमिंग सुविधा उपलब्ध है जिसके सहायता से ‘सॉफ्ट किल’ विकल्पों के साथ 4 किमी दूर से ही पहचान कर ड्रोन के संचार और जीपीएस को निष्क्रिय कर देता है। इसके साथ ही यह रिमोट लोकेटिंग सिस्टम को निष्क्रिय कर देता है। इन दोनों विकल्पों की रेंज 3 किमी है।
1 KM की रेंज में ड्रोन का पता लगाकर कर देगा काम तमाम
इस तकनीक में ‘हार्ड किल’ का भी विकल्प है जिसके मदद से यह 150 मीटर से 1 किमी की सीमा में छोटे ड्रोन का पता लगाता है और फिर उसे टारगेट कर नष्ट कर देता है।
कितना आएगा खर्च?
डीआरडीओ (DRDO) द्वारा विकसित यह एंटी ड्रोन सुरक्षा प्रणाली में जैमिंग और काउंटरमेजर्स जैसे तकनीक शामिल है। इस एक प्रणाली को लगाने में लगभग 25 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
बीईएल के अधिकारी तिरुमाला मंदिर की सुरक्षा करेंगे निरीक्षण
टीटीडी के अध्यक्ष और कार्यकारी अधिकारी डॉ के एस जवाहर रेड्डी की सलाह के बाद, सतर्कता और सुरक्षा विंग जल्द से जल्द संभव समय सीमा के भीतर सिस्टम को तैनात करने की उम्मीद कर रहा है। टीटीडी सूत्रों ने कहा कि बीईएल अधिकारी जल्द ही तिरुमाला मंदिर और उसके सुरक्षा घेरे का निरीक्षण करेंगे।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स