एम्‍स में कर‍िश्‍मा! हनुमान चालीसा पढ़ती रही मरीज, डॉक्‍टरों ने की सफल ब्रेन सर्जरी

एम्‍स में कर‍िश्‍मा! हनुमान चालीसा पढ़ती रही मरीज, डॉक्‍टरों ने की सफल ब्रेन सर्जरी
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नई दिल्‍ली के डॉक्‍टरों ने कमाल कर दिया है। उन्‍होंने पूरी तरह बेहोश किए बिना एक मरीज की की है। ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन के दौरान लड़की का पाठ करती रही। वहीं, डॉक्टर ऑपरेशन में लगे रहे। इस ऑपरेशन का वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है।

ब्रेन सर्जरी काफी मुश्किल मानी जाती है। डॉक्‍टर इसमें काफी सावधानी बरतते हैं। यह अलग बात है कि दिल्‍ली एम्‍स की न्‍यूरो एनेस्‍थेटिक टीम का इरादा कुछ अलग करने का था। डॉक्‍टरों ने मरीज को बेहोश किए बिना ही ब्रेन सर्जरी की। जिस लड़की की ब्रेन सर्जरी हुई वह ऑपरेशन के दौरान होश में रही। यही नहीं, इस दौरान वह हनुमान चालीसा भी पढ़ती रही।

न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट में यह सफल ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन थिएटर में मौजूद मेडिकल स्टाफ में से किसी ने इस ऑपरेशन का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया जो अब वायरल हो रहा है।

ऑपरेशन में एनेस्‍थीसिया का रोल क्‍या होता है?
एनेस्‍थीसिया मेडिकल साइंस की एक ब्रांच है। इसके जरिये ऑपरेशन के वक्‍त मरीज को अचेतन अवस्‍था में रखा जाता है। इसके चलते बिना दर्द के मरीज की सर्जरी हो पाती है। एनेस्‍थीसिया देने से पहले डॉक्‍टर मरीज की कई तरह की जांच करते हैं। इसे प्री-एनेस्थेटिक चेक-अप कहा जाता है। इस चेक-अप में ही डॉक्‍टर पता लगा लेते हैं कि किसी मरीज को कितनी मात्रा में एनेस्‍थीसिया देने की जरूरत है।

पहले कैसे होती थी सर्जरी?
सही मायने में एनेस्‍थीसिया किसी करिश्‍मे से कम नहीं है। ऐसा नहीं है कि एनेस्‍थीसिया के विकास से पहले ऑपरेशन नहीं होते थे। तब सर्जरी के दौरान अफीम और शराब की मदद से मरीज का दर्द कम करने की कोशिश की जाती थी। हालांकि, यह तरीका बहुत कामयाब नहीं था। इसमें भी मरीज को बहुत ज्‍यादा तकलीफ होती थी।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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