केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा के धलाई में 668 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों का शुभारंभ और शिलान्यास किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा के धलाई में 668 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों का शुभारंभ और शिलान्यास किया
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धलाई : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज त्रिपुरा के धलाई में 668 करोड़ रुपए से अधिक के विभिन्न विकास कार्यों का शुभारंभ और शिलान्यास किया। श्री अमित शाह ने धलाई में Haduklau Para Bru Settlement Colony (BRUHA PARA) में ब्रू समुदाय के लोगों के साथ संवाद किया और उनके घर जाकर उनसे मुलाकात भी की। इस अवसर पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रो (डॉ.) माणिक साहा, केन्द्रीय गृह सचिव, आसूचना ब्यूरो के निदेशक और BPR&D के महानिदेशक भी उपस्थित थे।

अपने संबोधन में गृह मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 38 हज़ार ब्रू रियांग लोगों का सैटलमेंट किया है। उन्होंने कहा कि लगभग 25 साल से बेहद खराब परिस्थितियों में अपना जीवन जी रहे ब्रू रियांग भाईयों-बहनों को पानी, शौचालय, बिजली, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं तक प्राप्त नहीं थी। यहाँ लंबे समय तक शासन करने वालों को ब्रू रियांग लोगों का दर्द कभी नहीं दिखाई दिया, लेकिन मोदी जी ने इन लोगों के दर्द को देखा, समझा औऱ दूर किया। श्री शाह ने कहा कि जब त्रिपुरा में परिवर्तन हुआ और उनकी पार्टी की सरकार बनी तब केन्द्र में भी नरेन्द्र मोदी जी की सरकार थी। उस वक्त हुए समझौते के कारण 40 हज़ार लोगों के बसने, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, शुद्ध पेयजल, शौचालय और महिलाओं के लिए कोऑपरेटिव की व्यवस्था करने का काम हुआ। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में ऐसी कई योजनाएं बनती थीं, लेकिन कभी जमीन पर नहीं उतरती थीं।

श्री अमित शाह ने कहा कि 1998 से बदतर जीवन जी रहे वाले ब्रू रियांग भाईयों-बहनों के लिए न सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी ने योजना बनाई बल्कि 900 करोड़ रूपए के खर्च से 11 गाँव भी बसाए। उन्होंने कहा कि इन गाँव में बिजली, सड़कें, पीने का पानी, कनेक्टिविटी, सोलर स्ट्रीट लाइट्स, सस्ते अनाज की दुकान, आंगनवाड़ी स्कूल और स्वास्थ्य केन्द्र खुले हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी ने इन 11 कॉलोनी में रहने वाले लोगों को भारत के अन्य नागरिकों की तरह सभी अधिकार देने का काम किया है। श्री शाह ने कहा कि इन लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल किए गए हैं, उनके राशन कार्ड, स्वास्थ्य कार्ड और कोऑपरेटिव बनाकर उन्हें रोज़गार देने का काम भी मोदी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि अब ये लोग 1200 वर्ग फीट के प्लॉट के मालिक हैं और भारत सरकार की सहायता से उनके घर बने हैं। साथ ही मोदी सरकार इन लोगों को 24 महीनों के लिए 5000 रुपए की मासिक मदद भी कर रही है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के शासनकाल में सिर्फ ढाई प्रतिशत लोगों को पीने का पानी मिलता था जबकि आज 85 प्रतिशत लोगों के घर में नल से जल पहुंचता है। पहले किसी गरीब को मुफ्त राशन नहीं मिलता था, लेकिन आज त्रिपुरा के 82 प्रतिशत लोगों को 5 किलो चावल मुफ्त देने का काम मोदी जी ने किया है। श्री शाह ने कहा कि त्रिपुरा के 80 प्रतिशत लोगों के 5 लाख रूपए तक के स्वास्थ्य का पूरा खर्च मोदी सरकार दे रही है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में निवेश आ रहा है, सड़कें बनी हैं, बिजली और शौचालय हर घर तक पहुंचे हैं। त्रिपुरा का ड्रॉपआउट रेश्यो कम होकर 3 प्रतिशत से नीचे आ गया है और एनरोलमेंट 67 प्रतिशत से बढ़कर 99.5 प्रतिशत हो गया है। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार और त्रिपुरा सरकार ने दिखाया है कि लोकतंत्र में विश्वास करने वाले जब शासन में आते हैं, तो देश और राज्य का कैसे विकास होता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी जी की सरकार और त्रिपुरा में पहले श्री बिप्लब देव जी और अब श्री माणिक साहा जी की सरकार विकास के काम को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि यहां माँ त्रिपुरा सुंदरी के भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, इससे पूरी दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं को माँ के दर्शन में और सुगमता होगी।

श्री अमित शाह ने कहा कि आज त्रिपुरा शांत हो गया है और यहां हिंसा खत्म हो चुकी है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के विद्रोही समूहों के साथ तीन समझौते और ब्रू रियांग समझौता कर मोदी सरकार ने राज्य में शांति बहाल की। उन्होंने कहा कि आज त्रिपुरा शांति के साथ मोदी जी द्वारा दिखाए गए विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने आज जिन विकास कार्यों का शिलान्यास किया उनमें अगरतला में केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान (CDTI) भी शामिल है। गृह मंत्रालय की इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और पड़ोसी देशों में सुरक्षा को मजबूत करना और पुलिसिंग के क्षेत्र में उच्च मानकों को स्थापित करना है। उल्लेखनीय है कि शिलॉन्ग में आयोजित उत्तर-पूर्व परिषद (NEC) के 69वें पूर्ण सत्र के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र की विशिष्ट सुरक्षा चुनौतियों का अध्ययन करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर एक शैक्षणिक अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की सिफारिश की गई थी।

त्रिपुरा सरकार ने इस संस्थान के लिए पश्चिम त्रिपुरा जिले के जिरनिया उपखंड में 9.57 एकड़ भूमि आवंटित की है। आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के लिए गृह मंत्रालय ने 120 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। आवंटित भूमि का डिजिटल सर्वेक्षण कार्य पहले ही पूरा हो चुका है। CDTI अगरतला, हर वर्ष उत्तर-पूर्वी राज्यों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) के 6,000 से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षित करेगा।संस्थान में अत्याधुनिक सुविधाएं जैसे उन्नत कक्षाएं, सिमुलेशन लैब, आईटी डेटा सेंटर और व्यावहारिक प्रशिक्षण क्षेत्र उपलब्ध होंगे, जो पुलिस कर्मियों को आधुनिक कौशल प्रदान करेंगे। यह संस्थान पूर्वोत्तर भारत में आंतरिक एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के विषयों पर प्रशिक्षण और अनुसंधान की उच्च स्तरीय सुविधाएँ उपलब्ध कराएगा। संस्थान में एक समर्पित शैक्षणिक अनुसंधान केंद्र भी होगा, जो शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर प्रमुख सुरक्षा चुनौतियों जैसे आतंकवाद विरोधी उपाय, सीमा प्रबंधन, मानव तस्करी, मादक पदार्थ तस्करी, अवैध प्रवासन और हथियारों की तस्करी का अध्ययन करेगा।

अगरतला में स्थापित होने वाला CDTI न केवल पुलिस बलों की क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि सीमा पार सुरक्षा चुनौतियों का प्रभावी समाधान निकालने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी बढ़ावा देगा।

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