ललित सुरजन जी ने छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता को दी नई ऊंचाइयां : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

ललित सुरजन जी ने छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता को  दी नई ऊंचाइयां : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार स्व.श्री ललित सुरजन जी ने निष्पक्ष, रचनात्मक और जन-सरोकार वाली पत्रकारिता की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता को नयी ऊंचाइयां दीं है। उन्होंने पत्रकारिता, साहित्य एवं समाज-सेवा के जरिए देशबन्धु में इन तीनों ही क्षेत्रों को एकाकार कर दिया। श्री बघेल आज अपने निवास कार्यालय से देशबन्धु समाचार पत्र समूह के मुख्य संपादक रहे स्व. श्री ललित सुरजन की 75 वीं जयंती समारोह को वर्चुअल रूप से संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता समिति की छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा किया गया था। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर श्री ललित सुरजन जी की रचनाओं, लेखों और कृतित्त्व पर आधारित वेबसाइट का भी लोकार्पण किया। कार्यक्रम में देश-विदेश के वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार और प्रबुद्धजन वर्चुअल रूप से जुड़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देशबन्धु से मेरा भी निकट का नाता रहा है। छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता में देशबन्धु पत्र समूह और स्व. श्री ललित सुरजन जी के अमूल्य योगदान को मैंने भी करीब से देखा, जाना और समझा है। उन्होंने करीब 60 वर्षों का सक्रिय एवं रचनात्मक जीवन जीया। वे पुस्तक प्रेमी, घुमक्कड़, पर्यावरण-प्रेमी, कला प्रेमी और संस्कृति के मर्मज्ञ थे। अपनी संपादकीय टिप्पणियों और लेखों के माध्यम से उन्होंने गांवों से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक ज्वलंत मुद्दों पर प्रभावशाली हस्तक्षेप किया। वे जानकारियों का भंडार थे। देशबन्धु की समृद्ध लाइब्रेरी उनके पुस्तक प्रेम और जिज्ञासु प्रवृत्ति का परिचायक है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि स्वर्गीय ललित सुरजन की पत्रकारिता का मूल लक्ष्य न्यायपूर्ण विश्व का निर्माण और मनुष्य के नैसर्गिक अधिकारों की रक्षा करना है। उन्होंने इन्हीं लक्ष्यों के लिए कलम चलाई। उन्होंने अपने लेखन और संपादन के माध्यम से लोकतांत्रिक समाज की रचना करने के लिए निरंतर कार्य किया। वे एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहते थे जो संविधान के बताए रास्ते पर चलते हुए समता एवं बंधुत्व के सिद्धांत पर विश्वास करता हो। अल्प संख्यकों, महिलाओं, कमजोर वर्ग के लोगों, शोषितों और वंचितों को समाज में उनका स्थान दिलाने के लिए उन्होंने लगातार प्रयत्न किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय श्री ललित सुरजन अपने विचारों और कार्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के कारण ही उनका संस्थान ‘देशबन्धु स्कूल ऑफ जर्नलिज्म’ कहलाया। इस स्कूल से निकले कई लोग समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं। वे एक बेहतर दुनिया बनाना चाहते थे। हमें उनके स्वप्नों को पूरा करने की दिशा में उनके बताये रास्तों पर चलकर अपने-अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। उनकी स्मृतियां ही नहीं, बल्कि उनके लेखन व योगदान को भी संजोकर रखना चाहिये ताकि भावी पीढ़ियों को प्रेरणा मिल सके।

कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल श्री शेखर दत्त, अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता समिति की छत्तीसगढ़ ईकाई की अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सुश्री पुष्पा देवी सिंह पूर्व सांसद श्री पल्लव सेनगुप्ता, प्रोफेसर पुरषोत्तम अग्रवाल ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता समिति की छत्तीसगढ़ ईकाई के महासचिव श्री विनयशील और डॉ. राकेश गुप्ता तथा आभार प्रदर्शन श्री राजीव रंजन श्रीवास्तव ने किया।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.