हिंदुओं का दबदबा बरकरार रहना चाहिए… जनसंख्या नियंत्रण पर बोला विश्व हिंदू परिषद

हिंदुओं का दबदबा बरकरार रहना चाहिए… जनसंख्या नियंत्रण पर बोला विश्व हिंदू परिषद
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नई दिल्ली
विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने साफ कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण के किसी भी उपाय पर विचार करते समय इस बात को ध्यान में रखा जाना चाहिए कि देश में हिंदुओं का दबदबा बरकरार रहे। विहिप महासचिव मिलिंद परांडे ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अगर परिवार में सिर्फ एक बच्चा है, तो हिंदुओं की आबादी खुद हिंदुओं द्वारा कम हो जाएगी।

हिंदू आबादी के कारण ही धर्मनिरपेक्षता
जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘जब हम जनसंख्या नियंत्रण के बारे में बात करते हैं, तो देश में हिंदू समाज का प्रभुत्व बरकरार रहना चाहिए। हिंदू आबादी के प्रभुत्व के कारण देश में राजनीति, धर्मनिरपेक्षता और सहिष्णुता के सभी सिद्धांतों का पालन किया जा रहा है।’

हिंदू समाज को सोचना चाहिए…
उन्होंने कहा कि इसलिए, हिंदुओं के बहुमत में बने रहने के लिए जो कुछ भी आवश्यक है वह किया जाना चाहिए। परांडे ने कहा, ‘हिंदू समाज को यह सोचना चाहिए कि एक परिवार में कम से कम दो बच्चे होने चाहिए। अगर एक परिवार में सिर्फ एक बच्चा होगा, तो हिंदुओं की आबादी खुद हिंदुओं द्वारा कम हो जाएगी।’

यूपी के मसौदे पर सवाल
यूपी सरकार के जनसंख्या नियंत्रण विधेयक पर विश्व हिंदू परिषद ने हाल में सवाल खड़े किए थे। दरअसल, बिल में दो से कम बच्चे वाले लोगों को इंसेंटिव देने की बात कही जा रही है। इस पर विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि एक बच्चे की नीति से समाज में आबादी का असंतुलन पैदा होगा।

फरीदाबाद में होगी अहम बैठक
वह शनिवार को फरीदाबाद में शुरू होने वाली विहिप की संचालन परिषद और न्यासी बोर्ड की दो दिवसीय बैठक से पहले मीडिया को संबोधित कर रहे थे। दो दिवसीय बैठक के एजेंडे को साझा करते हुए, विहिप महासचिव ने कहा कि कई मंदिरों के प्रबंधन पर सरकार का नियंत्रण, अवैध धर्मांतरण और पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा चर्चा के प्रमुख मुद्दों में से हैं।

उन्होंने कहा कि दो दिवसीय बैठक में विहिप के नए अध्यक्ष और महासचिव का भी चुनाव होगा। विहिप के वर्तमान अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे अप्रैल 2018 में इस पद के लिए चुने गए थे। परांडे ने कहा कि मंदिरों का प्रबंधन समाज द्वारा किया जाना चाहिए लेकिन कई राज्यों में बड़ी संख्या में मंदिर सरकार के नियंत्रण में हैं। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय बैठक में इन मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से कैसे मुक्त किया जाए, इस पर चर्चा होगी।

मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हों
विहिप नेता ने कहा, ‘मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए सामाजिक जागरूकता से लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने तक सभी संभावित उपायों पर बैठक में चर्चा की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि बैठक में अवैध धर्मांतरण के मुद्दे और देशभर में इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने की आवश्यकता पर भी चर्चा होगी।

परांडे ने कहा, ‘ईसाई मिशनरियों और इस्लामिक जिहादी तत्वों द्वारा अवैध रूप से धर्म परिवर्तन किए जा रहे हैं। यह एक राष्ट्रव्यापी समस्या है। हम अपनी बैठक में इस मामले पर चर्चा करेंगे और एक प्रस्ताव लेकर आएंगे।’

संघ और विहिप की राय अलग नहीं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत की मुसलमानों पर हाल की टिप्पणी पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आरएसएस और विहिप की राय में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा, ‘आरएसएस प्रमुख ने न तो कुछ नया कहा और न ही कुछ अलग। हमारी वैचारिक सीमा अब भी वही है। हमारे बीच कोई अंतर नहीं है।’

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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