हिरासत में मौत के मामले में हिमाचल प्रदेश के निलंबित आईजी को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं
कस्टडी डेथ मामले में हिमाचल प्रदेश के सस्पेंडेड आईजी जहूर हैदर जैदी की जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने से मना कर दिया है। 2017 के कस्टोडियल डेथ मामले में जैदी को हिरासत में लिया गया था। उनकी ओर से जमानत अर्जी दाखिल कर जमानत की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी की अगुवाई वाली बेच के सामने सुनवाई के दौरान ये तथ्य सामने आया कि सीबीआई के एक गवाह एसपी रैंक के अधिकारी को प्रभावित करने के आरोप में पिछले साल जैदी की जमानत को रद्द कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब याची जैदी इतने बड़े ऑफिसर को प्रभावित कर सकते हैं तो फिर अन्य गवाहों को भी प्रभावित कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में जैदी की ओर से उनके वकील ने कहा कि जैदी तीन साल हिरासत में रह चुके हैं उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर विचार करने से मना कर दिया। गौरतलब है कि शिमला के कुछ दूरी पर स्थित कोटखाई की एक स्कूली स्टूडेंट गायब हुई थी। बाद में जंगल से शव मिला था। इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसमें से एक सूरज की बाद में 18 जुलाई 2017 को मौत हो गई थी। मामले की जांच सीबीआई ने की और सीबीआई का आरोप है कि कस्टडी में प्रताड़ना के कारण उसकी मौत हुई थी। जैदी समेत अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
साभार : नवभारत टाइम्स