Narada bribery case: सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद नारद‍ स्टिंग मामले में सीबीआई ने वापस ली अपनी याचिका

Narada bribery case: सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद नारद‍ स्टिंग मामले में सीबीआई ने वापस ली अपनी याचिका
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

कोलकाता
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपनी अपील वापस लेने की अनुमति दे दी है। इसमें तृणमूल कांग्रेस के तीन नेताओं सहित चार नेताओं को नारद रिश्वत मामले में घर में ही नजरबंद रखने की अनुमति दी थी।

जस्टिस विनीत शरण और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की अवकाशकालीन पीठ ने इस बात को ध्‍यान में रखा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की पीठ नारद रिश्वत मामले की सुनवाई कर रही है। इसने सीबीआई की तरफ से पेश हुए सोलीसीटर जनरल तुषार मेहता को अपनी अपील वापस लेने और सभी शिकायतों को हाई कोर्ट में उठाने की अनुमति दे दी।

बेंच ने कहा, ‘हमने मामले के गुण-दोष पर कोई विचार व्यक्त नहीं किया है और मामले में हमारी टिप्पणियां हमारे विचारों को प्रदर्शित नहीं करती हैं।’ साथ ही कहा कि पश्चिम बंगाल और नेता भी हाई कोर्ट के सामने अपने मुद्दों को उठाने के लिए आजाद हैं।

हाई कोर्ट ने 21 मई को पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों, एक विधायक और कोलकाता के पूर्व महापौर को जेल से हटाकर उनके घरों में ही नजरबंद करने के आदेश दिए थे। हाई कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने 24 मई को मामले में सुनवाई की और मामले में सुनवाई स्थगित करने के सीबीआई के आग्रह से इनकार कर दिया।

नारद स्टिंग टेप मामले में पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद हाकिम, पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी के विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व महापौर शोभन चटर्जी को सीबीआई ने पिछले सोमवार को गिरफ्तार किया था। हाई कोर्ट के 2017 के एक आदेश पर सीबीआई मामले की जांच कर रही है।

साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.