रेमडेसिविर के लिए भागती रही मां…नोएडा CMO के पकड़े पैर, नहीं मिला इंजेक्शन, बेटे ने दुनिया छोड़ी

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नोएडा
वह सीएमओ के पैर पकड़कर गिड़गिड़ाती रही, रेमडेसिविर के लिए गुहार लगाती रही, बार-बार बोलती रही कि प्लीज मेरे बेटे को बचा लो… एक मां की इन सिसकियों का सिस्टम पर शायद ही कोई असर पड़ा हो लेकिन उसका बेटा जरूर महामारी से जंग हार गया। इसे सिर्फ कोरोना से मौत मत मानिएगा, यहां तो उस व्यवस्था की भी मौत हुई है जो अभी भी यह कह रही है कि प्रदेश में ऑक्सिजन की कोई किल्लत नहीं है, बेड की कोई अभाव नहीं है, दवाइयों की कोई कमी नहीं है।

एक दिन पहले मंगलवार को ही सोशल मीडिया पर नोएडा सीएमओ दफ्तर का एक वीडियो वायरल हुआ था। यहां कुछ दूसरे तीमारदारों के साथ एक महिला अपने बेटे के लिए सीएमओ से रेमडेसिविर की गुहार लगा रही थी। बेटे को बीमार देख सुधबुध खो चुकी मां ने सीएमओ के पैर भी पकड़ लिए और बोली कि प्लीज मेरे बेटे को बचा लो लेकिन उन्हें दवाई नहीं मिली। शाम को बेटे की मौत हो गई।

सीएमओ से मिलकर पैर पकड़ लगाई गुहार
नोएडा के खोड़ा निवासी रिंकी देवी और उनका बेटा कोरोना से संक्रमित हो गए थे। उन्हें सेक्टर 51 स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल ने महिला को रेमडेसिविर की व्यवस्था करने को कहा। रिंकी को बताया गया रेमडेसिविर सीएमओ दफ्तर पर ही मिलेगी। वह वहां पर पहुंची, काफी लंबा इंतजार किया लेकिन दवाई नहीं मिली। इसी समय वह सीएमओ से मिलीं और रेमडेसिविर की भीख मांगते हुए उनके पैर तक छूने लगीं।

चार बजे तक इंजेक्शन का इंतजार किया
आरोप है कि सीएमओ दीपक ओहरी ने रिंकी देवी से प्रिस्किप्शन तो ले लिया लेकिन रेमडेसिविर का अभाव बताते हुए मदद से इनकार कर दिया। महिला सीएमओ से गुहार लगाती रही। उसने सीएमओ दफ्तर पर चार बजे तक इंतजार किया लेकिन रेमडेसिविर नहीं मिली। करीब साढ़े 4 बजे वह अस्पताल गईं तो मालूम हुआ कि उनका बेटा दुनिया में नहीं रहा।

सीएमओ दफ्तर का कर्मचारी ब्लैक मार्केटिंग में शामिल
एक तरफ तो सीएमओ के हाथ-पैर जोड़ने के बाद रेमडेसिविर नहीं मिली, बेटा मर गया। दूसरी ओर उसी सीएमओ ऑफिस का कर्मचारी इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग में शामिल है।

सीएमओ ऑफिस का कर्मचारी व दिल्ली स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का लैब टेक्नीशियन रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में लिप्त पाए गए हैं। नॉलेज पार्क कोतवाली पुलिस ने गिरोह के चार आरोपियों को धर दबोचा है, जबकि मुख्य आरोपी सहित दो अभी फरार हैं। पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से दो रेमडेसिविर इंजेक्शन के अलावा नकदी बरामद की गई है। पुलिस ने चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया वहां से चारों को जेल भेज दिया गया है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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