नहीं रहे कवि कुंअर बेचैन, कुमार विश्वास ने लिखा- 'कोरोना ने मेरे मन का एक कोना मार दिया'

नहीं रहे कवि कुंअर बेचैन, कुमार विश्वास ने लिखा- 'कोरोना ने मेरे मन का एक कोना मार दिया'
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नोएडा
हिंदी के जानेमाने गीतकार डॉ कुंवर बेचैन का गुरुवार को कोरोना के चलते निधन हो गया। कुंवर बेचैन और उनकी पत्‍नी कुछ दिनों से कोरोना से पीड़‍ित थे। कवि कुमार विश्‍वास के ट्वीट के बाद बेहतर इलाज के लिए उन्‍हें नोएडा के सांसद महेश शर्मा की मदद से कैलाश अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। वह 78 साल के थे।

गुरुवार को कुमार विश्‍वास ने ट्वीट करके उनके निधन की जानकारी दी। अपने ट्वीट में कुमार विश्‍वास ने लिखा, ‘कोरोना से चल रहे युद्धक्षेत्र में भीषण दुःखद समाचार मिला है। मेरे कक्षा-गुरु, मेरे शोध आचार्य, मेरे चाचाजी, हिंदी गीत के राजकुमार, अनगिनत शिष्यों के जीवन में प्रकाश भरने वाले डॉ कुंअर बेचैन ने अभी कुछ मिनट पहले ईश्वर के सुरलोक की ओर प्रस्थान किया। कोरोना ने मेरे मन का एक कोना मार दिया।’

इससे पहले कुमार विश्‍वास ने कुंअर बेचैन को वेंटिलेटर की जरूरत पर ट्वीट किया था जिसके बाद ही उन्‍हें नोएडा के कैलाश अस्‍पताल में शिफ्ट किया गया था। इस ट्वीट में कुमार विश्‍वास ने लिखा था, ”रात 12 बजे तक प्रयास करता रहा, सुबह से प्रत्येक परिचित डॉक्टर को कॉल कर चुका हूं। हिंदी के वरिष्ठ गीतकार गुरुप्रवर डॉ कुंवर बेचैन का Cosmos Hospital, आनंद विहार दिल्ली में कोविड उपचार चल रहा है। ऑक्सीजन लेवल सत्तर पहुंच गया है। तुरंत वेंटि‍लेटर की आवश्यकता है। कहीं कोई बेड ही नहीं मिल रहा।’

कुंअर बेचैन यूपी के मुरादाबाद जिले के उमरी गांव के रहने वाले थे। उनकी पढ़ाई चंदौसी के एसएम कॉलेज में हुई थी। कुंअर बेचैन ने गीत, गजल और उपन्‍यास लिखे थे। उनका नाम था डॉ कुंअर बहादुर सक्‍सेना, लेकिन वह ‘बेचैन’ उपनाम से रचनाएं लिखते थे।

साभार : नवभारत टाइम्स

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