बाजार से गायब जरूरी दवाइयां…ढूंढे नहीं मिल रहा पल्स ऑक्सीमीटर, मास्क-सैनिटाइजर के दाम हुए दोगुने

बाजार से गायब जरूरी दवाइयां…ढूंढे नहीं मिल रहा पल्स ऑक्सीमीटर, मास्क-सैनिटाइजर के दाम हुए दोगुने
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

लखनऊ
उत्तर प्रदेश में रोजाना तेजी से पैर पसार रहे कोरोना संक्रमण (Corona Virus in Uttar Pradesh) के साथ, लोगों की घबराहट भी बढ़ रही है। ऑक्सिजन सिलेंडरों की किल्लत की खबरों के बीच कई लोगों ने पैनिक में आकर दवाइयां और मेडिकल उपकरण खरीदने शुरू कर दिए हैं। इसके अलावा लोगों के वॉट्सऐप पर कई तरह के डॉक्टरों के प्रिस्क्रिप्शन वायरल हो रहे हैं, जिनमें कुछ कॉमन दवाओं को कोरोना के इलाज (Corona medicines) में कारगर बताया गया है। इन सबका नतीजा यह हुआ है कि मार्केट में जरूरतमंद लोगों के लिए जरूरी दवाइयां और मेडिकल उपकरण ढूंढ पाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।

डोलो, आइवरमेक्टिन, विटामिन सी और जिंक की भारी किल्लत
लखीमपुर-खीरी के रहने वाले अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उनके घर में दो लोग कोरोना पॉजिटिव हैं। रविवार को वह डॉक्टरों की बताई दवा मार्केट में लेने गए, तो कहीं भी डोलो 650 और लिम्सी (विटामिन सी की गोली) ढूंढे नहीं मिली। यही हाल आइवरमेक्टिन और जिंकोविट (मल्टिविटामिन टेबलेट) का है। उन्होंने बताया कि मुझे आइवरमेक्टिन 12 एमजी चाहिए थी, मगर वह पूरी मार्केट में कहीं नहीं मिली। मजबूरन 6 एमजी की दो टेबलेट के हिसाब से डोज लेनी पड़ी।

पल्स ऑक्सीमीटर मार्केट से गायब, है भी तो दोगुने दाम में
उत्तर प्रदेश के बस्ती में अपना मेडिकल स्टोर चलाने वाले नीरज कुमार ने बताया कि पल्स ऑक्सीमीटर मार्केट से पूरी तरह गायब हो चुका है। नीरज ने बताया, ‘आम दिनों में कस्टमर्स को पल्स ऑक्सीमीटर 900-1000 रुपये में मिल जाता था। अब हमें ही नहीं मिल रहा है। मिल भी रहा है तो दोगुने दामों में, मजबूरन हमें भी आगे बढ़े हुए दामों पर बेचना पड़ रहा है।’

दोगुना तक महंगे हुए मास्क, सैनिटाइजर का भी वही हाल
नीरज ने बताया कि डिमांड बढ़ने के साथ मास्क की किल्लत भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘सर्जिकल मास्क हम लोगों को पहले 1 से सवा रुपये में मिल रहा था, जिसे हम 4-5 रुपये का बेच लेते थे। अब हमें ही ये 4 से साढ़े 4 रुपये में मिल रहा है। जिससे ग्राहकों को भी महंगा मिल रहा है। इसके अलावा जो फेस शील्ड 25-30 रुपये में मिल जाती थी, वह 100 रुपये की मिल रही है। 100 एमएल सैनिटाइजर की बोतल का दाम दुगना हो गया है। हम सप्लायर के पास लेने भी जाते हैं तो 5 मांगने पर एक मिल रहा है।’

वॉट्सऐप पर घूम रहे दवाओं के पर्चे, कॉमन दवाइयां हुईं गायब
नीरज ने बताया कि लोग वॉट्सऐप पर आ रहे प्रिस्क्रिपशन को देख-देखकर दवाएं खरीद रहे हैं, जो सही नहीं है। उन्होंने बताया, ‘पैरासीटामॉल 650 में डोलो की बहुत शॉर्टेज हो गई है, उसकी जगह कैल्पॉल मिल रही है। गले के इन्फेक्शन में इस्तेमाल होने वाली अजिथ्रोमाइसिन पर मनचाही दवा नहीं मिल रही है, सब्स्टिट्यूट ही मिल रहे हैं। Limcee की बहुत शॉर्टेज है, उसकी जगह लोगों को Celin 500 दे रहे हैं। इसके अलावा फैबीफ्लू टेबलेट, रेमडेसिविर और टोसिलिजुमाब इंजेक्शन बहुत मुश्किलों के बाद मिल पा रहे हैं।’

साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.