'मन की बात' में मोदी से कोरोना पर चर्चा करते आए नजर, जानिए कौन हैं मुंबई के डॉक्टर शशांक जोशी
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में डॉ शशांक जोशी ने कहा- ‘इस बार की लहर में बच्चे और जवान लोग भी चपेट में आ रहे हैं। किसी में कम लक्षण हैं तो किसी में ज्यादा। 80 से 90 परसेंट लोगों में कोई लक्षण नहीं देखे गए। लोगों को कोरोना के म्यूटेंट से भी घबराने की जरूरत नहीं है। जिस तरह से हम लोग कपड़े बदलते हैं, वैसे ही वायरल भी अपना रंग बदलता रहता है।’
‘वॉटसऐप ज्ञान पर न करें भरोसा, डॉक्टर के पास जाएं लोग’
कोरोना के प्रति लोगों की लापरवाही का जिक्र करते हुए डॉ जोशी ने कहा कि लोग इसका इलाज कराने में देरी करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इसके लक्षण अपने आप गायब हो जाएंगे। इसके अलावा वॉटसऐप पर तरह तरह के उपचार बताए जा रहे हैं, जिन पर लोग आसानी से भरोसा कर ले रहे हैं। डॉ जोशी ने रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर भी अपनी राय रखी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस दवा के पीछे न भागें। इस इंजेक्शन की जरूरत सिर्फ गंभीर मरीजों को ही होती है।
लीलावती हॉस्पिटल में कंसल्टेंट हैं डॉ जोशी
आपको बता दें कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले डॉ शशांक जोशी मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में एंड्रोक्रिनोलॉजिस्ट कंसल्टेंट हैं। महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स में शामिल होकर वह लगातार कोरोना से लोगों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। हाल ही में एक न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा था कि मुंबई में कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त डॉक्टर हैं पर यहां क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों की कमी है।
केजरीवाल सरकार की कर चुके हैं तारीफ
डॉ शशांक जोशी ने केंद्र सरकार के फैसले से पहले ही 45 साल से कम आयु वाले लोगों को भी कोविड वैक्सीन लगाए जाने की वकालत की थी। वह कोरोना से बचाव को लेकर दिल्ली सरकार के कामकाज की तारीफ भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि संकट को देखते हुए जिस तरह दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने अस्पतालों और होटलों में बेड बढ़ा दिए हैं, वह काबिलेतारीफ है।
साभार : नवभारत टाइम्स