UP के अस्पतालों में त्राहि-त्राहि, चिकित्सा मंत्री बोले- लखनऊ में तो सरप्लस है ऑक्सीजन
उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से कोरोना के मरीजों में हाहाकार मचा है लेकिन योगी आदित्यनाथ सरकार के चिकित्सा मंत्री का कहना है कि राजधानी लखनऊ में ऑक्सीजन की कमी ही नहीं है। उन्होंने दावा किया है कि दो दिन पहले ऑक्सीजन की कमी से परेशानी हुई थी लेकिन अब प्रदेश में पर्याप्त से ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है। उन्होंने चौंकाने वाला दावा करते हुए यह भी कहा कि लखनऊ में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई है।
मंत्री ने यह बातें शुक्रवार को कहीं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य को 750 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का कोटा आवंटित किया है। हालांकि, मंत्री के दावों के विपरीत बीते कई दिनों से राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के कई शहरों में ऑक्सीजन की कमी से हाहाकार मचा है। ऑक्सीजन खत्म होने के बाद मरीजों को अस्पताल से बाहर तक निकाल दिया गया है। इस दौरान लखनऊ, कानपुर, आगरा और सुलतानपुर के कई अस्पतालों में बाकायदा नोटिस लिखकर मरीजों को हॉस्पिटल छोड़ने के लिए कहा गया था।
राजधानी में ऑक्सीजन ने मचाई त्राहि-त्राहि
योगी सरकार के मंत्री ने खासतौर पर राजधानी लखनऊ में कभी ऑक्सीजन की कमी नहीं होने का दावा किया है। उन्होंने यह भी कहा कि राजधानी में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत भी नहीं हुई। हालांकि, सच्चाई इससे ठीक उलट है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार को लखनऊ के अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से 6 मरीजों की मौत हो गई। इन मरीजों के परिजन ऑक्सीजन के लिए लगातार शासन और अधिकारियों से फरियाद करते रहे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। ऑक्सीजन खत्म होने से कई अस्पतालों ने मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया है।
लखनऊ के इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ने गुरुवार को विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर ऑक्सीजन की कमी होनी जानकारी दी थी। पत्र में लिखा था कि अब मरीजों के इलाज के लिए दो घंटे का ही बैकअप बचा है। बताया गया कि मौजूदा समय में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में 120 मरीजों का इलाज ऑक्सीजन सपोर्ट पर किया जा रहा था। वहीं, शुक्रवार को अवध हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर ने भी शिकायत की कि अस्पताल में मरीजों का लोड बढ़ता जा रहा है और ऑक्सीजन तथा बेड की भारी किल्लत है।
अलीगढ़ में ऑक्सीजन की कमी से 5 की मौत
लखनऊ में ही नहीं, यूपी के अन्य शहरों में भी यही हालात हैं। बीते दिनों अलीगढ़ के एसजेडी अस्पताल में ऑक्सीजन न होने की वजह से 5 कोरोना मरीजों की जान चली गई। पाचों मरीज वरिष्ठ नागरिक श्रेणी के थे। परिजन ने आरोप लगाया कि अगर मरीजों को समय पर ऑक्सीजन मिल जाती तो उनकी जान बच सकती थी। हालांकि, अस्पताल ने इस आरोप से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि जिन मरीजों की मौत हुई, उनके फेफड़े ज्यादा खराब हो गए थे।
कन्नौज में चार मरीजों ने तोड़ा दम
अलीगढ़ के अलावा कन्नौज में बुधवार को मेडिकल कॉलेज में भर्ती चार मरीजों ने ऑक्सीजन न होने से दम तोड़ दिया। आरोप है कि रात में अचानक ऑक्सीजन प्लांट बंद हो जाने से ऐसा हुआ। ऑक्सीजन की कमी के चलते चार कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद जिम्मेदारों की नींद खुली, जिसके बाद मेडिकल कॉलेज को ऑक्सीजन के लिए 80 सिलिंडर कंपनी ने मुहैया कराए।
साभार : नवभारत टाइम्स