भारतीय सेना में बढ़ सकते हैं कर्नल के पद, ऑफिसर्स कैडर रिव्यू में हो रहा है विचार
भारतीय रैंक पर ज्यादा लोगों को प्रमोशन मिल सकती है। सेना में ऑफिसर्स कैडर रिव्यू चल रहा है। इस रिव्यू में इस पर भी विचार हो रहा है कि क्या कर्नल के पद बढ़ाए जा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो नॉन इंपेनल्ड ऑफिसर्स की संख्या कम होगी और ज्यादा ऑफिसर्स को लेफ्टिनेंट कर्नल से कर्नल बनने का मौका मिलेगा।
सेना के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि सेना में पिरामिड स्ट्रक्चर (नीचे ज्यादा ऊपर कम) की वजह से लेफ्टिनंट कर्नल के बाद प्रमोशन के मौके बहुत कम हो जाते हैं। वे ऑफिसर्स जो लेफ्टिनेंट कर्नल से कर्नल के सिलेक्ट रैंक में प्रमोट नहीं हो पाते उन्हें नॉन इंपेनल्ड ऑफिसर्स कहते हैं। नॉन इंपेनल्ड ऑफिसर्स की संख्या काफी ज्यादा है क्योंकि ऊपर के रैंक में वेकेंसी काफी कम होती हैं। नॉन इंपेनल्ड ऑफिसर्स का मोटिवेशन लेवल बढ़ाने के लिए सेना में कई कदम उठाए जाते रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक अब इस पर विचार किया जा रहा है कि क्या कर्नल रैंक में पद बढ़ाए जा सकते हैं। इससे ज्यादा ऑफिसर्स को कर्नल रैंक में प्रमोशन का मौका मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक सेना में ऑफिसर्स कैडर रिव्यू में इस पर भी चर्चा चल रही है कि कर्नल के कितने पद बढ़ाए जा सकते हैं। आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में भी इसे लेकर चर्चा हो चुकी है। कैडर रिव्यू काफी वक्त से चल रहा है और अभी अलग अलग बिंदुओं पर अलग अलग स्तर पर प्रजेंटेशन का दौर चल रहा है।
एक अधिकारी के मुताबिक नॉन इंपेनल्ड ऑफिसर्स को सेना के मिलिट्री ऑपरेशंस (एमओ), मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई), मिलिट्री सेक्रेटरी (एमएस) ब्रांच में भी अब ज्यादा पोस्टिंग दी जा रही है। पहले इन ब्रांच में टॉप के ऑफिसर्स की ही नियुक्ति होती थी लेकिन इस ढर्रे को तोड़ा गया है। सीनियर अधिकारी के मुताबिक नॉन इंपेनल्ड ऑफिसर्स को कई फॉरेन असाइनमेंट में भी भेजा जा रहा है। सेना में करीब 48 हजार ऑफिसर्स हैं जिनमें नॉन इंपेनल्ड ऑफिसर्स की संख्या करीब 6-7 हजार है।
साभार : नवभारत टाइम्स