गाजियाबाद के कौशांबी में ट्रैफिक समस्या के निदान के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बनाई कमिटी

गाजियाबाद के कौशांबी में ट्रैफिक समस्या के निदान के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बनाई कमिटी
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

नई दिल्ली
ने के कौशांबी इलाके के ट्रैफिक समस्या पर संज्ञान में लेते हुए एक कमिटी का गठन किया है, जिसमें यूपी और दिल्ली के प्रतिनिधि होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये कमिटी ट्रैफिक समस्या के निदान के लिए कोऑर्डिनेट करते हुए कदम उठाएगी।

सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर खराब ट्रैफिक मैनेजमेंट से लेकर प्रदूषण और अवैध पार्किंग आदि का मुद्दा उठाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पहले वह ट्रैफिक मैनजमेंट के मामले को देखेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उनके सामने समग्र ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान पेश किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रैफिक समस्या का निदान तब तक संभव नहीं है जब तक कि संबंधित अथॉरिटी मिलकर उसके लिए ठोस प्रयास नहीं करते।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कमिटी का गठन का निर्देश दिया है। कमिटी में मेरठ के डिविजनल कमिश्नर, गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी के चैयरपर्सन, गाजियाबाद के डीएम, दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट सेक्रटरी, ईस्ट दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और संबंधित अथॉरिटी के अधिकारी भी इसमें होंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गाजियाबाद के डीएम इस कमिटी के नोडल ऑफिसर होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तीन हफ्ते में कमिटी उनके सामने समग्र ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान पेश करे। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कई मुद्दे उठाए गए थे। इसमें ट्रैफिक मैनेजमेंट से लेकर पर्यावरण समस्या, प्रदूषण और म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट की डंपिंग का मामला उठाया गया था और कहा गया है कि इस इलाके के लोग जो यहां रहते हैं वह इन कारणों से बुरी तरह से सफर कर रहे हैं।

याचिका में कहा गया है कि प्लानिंग के अभाव के कारण ये सब हो रहा है और लोग सफर कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कई मुद्दे उठाए गए हैं, लेकिन पहले हम ट्रैफिक मैनेजमेंट को देखेंगे। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इलाके में रहने वाले लोग बुरी तरह से सफर कर रहे हैं। अवैध तरीके से तीन पहिये की पार्किंग हो रही है और अन्य व्हीकल रोड पर पार्क किया जा रहा है। साथ ही वाहनों में प्रेसर हॉर्न का प्रयोग किया जा रहा है।

पहले ये मामला एनजीटी के पास था। जिसमें अवैध पार्किंग, प्रदूषण, सड़क पर अतिक्रमण आदि का मसला था। ट्राइब्यूनल ने कमिटी का गठन भी किया था। बेंच ने कहा कि एनजीटी ने जो भी प्रयास किया है ‌उस पर आगे काम होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट से सामने लाया गया है और कहा गया है कि स्थिति में सुधार नहीं हुआ है, इसी कारण हमने ये आदेश पारित किया है और सुनवाई 14 अप्रैल के लिए टाल दी है।

साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.