मिशन गगयान के लिए रूस वाली ट्रेनिंग पूरी, अब भारत में शुरू होगा अगला चरण

मिशन गगयान के लिए रूस वाली ट्रेनिंग पूरी, अब भारत में शुरू होगा अगला चरण
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नई दिल्ली
भारत के पहले मानव रहित अंतरिक्ष मिशन गगनयान का एक अहम पड़ाव जल्द ही पूरा होने वाला है। इस मिशन के लिए चुने गए इंडियन एयरफोर्स के चार पायलटों की ट्रेनिंग जल्द ही पूरी होने वाली है। इसके बाद इस साल मई या जून से इनकी सेकेंड फेज ट्रेनिंग देश में ही शुरू हो जाएगी। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में उन्‍होंने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का ट्रेनिंग जल्‍द ही इस महीने तक पूरी हो जाएगी।

बर्फीले, पानी, गर्मी वाली स्थिति से निपटने की ली ट्रेनिंग
रूस में पायलटों ने एस्ट्रो नेविगेशन, एक्स्ट्रा व्हीकुलर एक्टिविटी के साथ ही असामान्य बर्फीले, पानी और मैदानी स्थिति से निपटने के पारे में ट्रेनिंग ली। पायलटों को प्रेशर को एडजस्ट करने के साथ ही डीप्रेशराइज्य मॉड्यूल और ग्रेविटेशनल टोलरेंस में काम करना सीखा। रूस में गगनयान के चार अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग लॉकडाउन के चलते रोक दी गई थी। कोरोना वायरस के मद्देनजर ट्रेनिंग सेंटर को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया था। भारतीय पायलटों की ट्रेनिंग राजधानी मॉस्को के निकट यूए गगारिन रिसर्च एंड टेस्ट कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में फरवरी से उनकी ट्रेनिंग चल रही है।

क्रू के मॉड्यूल और सिस्टम की लेंगे जानकारी
मानव अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक, उन्नीकृष्णन नायर ने बताया कि देश में ट्रेनिंग के इस फेज में अंतरिक्ष यात्री क्रू के मॉड्यूल और सिस्टम की जानकारी लेंगे। ट्रेनिंग में भारत के क्रू मॉड्यूल और उड़ान हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के सिमुलेटर शामिल होंगे। ट्रेनिंग करिकुलस को डिफाइन करने के लिए एक एक्सपर्ट टीम का गठन किया गया है। इसमें कम से कम तीन प्रकार के सिमुलेटर में ट्रेनिंग में शामिल होंगे।

क्रू सेलेक्शन के लिए इंडियन एयरफोर्स के साथ करार
पिछले साल मई में, इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) और भारतीय वायुसेना के बीच गगनयान मिशन के लिए क्रू सिलेक्शन और ट्रेनिंग उपलब्ध कराने का समझौता हुआ था। मिशन से जुड़ी ट्रेनिंग के लिए इसरो ने रूस के अंतरिक्ष एजेंसी ग्लावकॉस्मोस के साथ पिछले साल जुलाई को एक समझौता किया था। इसरो को 2020 में चंद्रयान-3 को लॉन्च करने की प्रक्रिया को मंजूरी मिल चुकी है। इस प्रमुख बता चुके हैं कि इस साल भारत 25 से ज्यादा मिशन लॉन्च करेगा।

गगनयान से पहले दो मानवरहित मिशन होंगे लॉन्च
भारतीय अंतरिक्ष यान कार्यक्रम गगनयान के अंतर्गत इसरो अंतरिक्ष की स्थिति को बेहतर तरीके से समझने के लिए ह्यूमैनोयड मॉडल (मानव की तरह दिखने वाला ) भेजने की योजना बना रहा है। इस ह्यूमनॉयड को इसरो ने ‘व्योम मित्र’ नाम दिया है। इसे 2022 में गगनयान मिशन से पहले रवाना किया जाएगा। दिसंबर 2021 में भारत के प्रथम मानवयुक्त अंतरिक्षयान ‘गगनयान’ के प्रक्षेपण के मद्देनजर इसरो दिसंबर 2020 और जून 2021 में दो मानवरहित मिशनों को लॉन्च करेगा। व्योममित्र उसी का हिस्सा है।

आजादी के 75वीं वर्षगांठ के मौके पर लॉन्च होगा मिशन
देश के पहले मानव मिशन गगनयान प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 9023 करोड़ रुपये है। इस मिशन को देश की आजादी के 75वीं वर्षगांठ के मौके पर लॉन्च किया जाएगा। देश का सबसे भारी लॉन्च वाहन, ‘बाहुबली’ जीएसएलवी मार्क -3 पर एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में ले जाने की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 में 15 अगस्त के भाषण में देश के पहले मानवमिशन को लॉन्च करने की घोषणा की थी। हालांकि कोरोना की वजह से मिशन में देरी हो सकती है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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