रूसी S-400 के बावजूद अब अमेरिका से पैट्रियट सिस्टम क्यों खरीदना चाहता है तुर्की? जानें कारण
रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के बाद अब अमेरिका से खरीदने की योजना बना रहा है। तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकार ने कहा है कि अमेरिकी पैट्रियट सिस्टम को खरीदने के हमारे सारे विकल्प खुले हैं। हाल के दिनों में अमेरिकी एफ-16 लड़ाकू विमान के ऊपर रूसी को टेस्ट करने पर दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है। अमेरिका के कई सांसदों ने तुर्की के ऊपर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव भी यूएस कांग्रेस में पेश किया है।
पैट्रियट खरीदने के लिए रखी शर्त
तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकार ने कहा है कि रूस के एस-400 की खरीद के बावजूद हम अमेरिकी पैट्रियट सिस्टम खरीदने के लिए तैयार है। एस- 400 का अधिग्रहण हमारे लिए एक प्राथमिकता नहीं बल्कि समय की आवश्यकता थी। इसका यह मतलब नहीं है कि हम नाटो से अलग हो गए हैं। पैट्रियट खरीदने के लिए शर्तों का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि अगर हमें प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, संयुक्त उत्पादन और वितरण कार्यक्रम से संबंधित गारंटी दी जाती है तो हम ऐसा कर सकते हैं।
इशारों में अमेरिका पर कसा तंज
अकार ने कहा कि हम विकल्पों को लेकर अपने सहयोगियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने अमेरिका पर तंज कसते हुए कहा कि हम यह नहीं सुनना चाहते कि कोई हमसे कहे कि हम बेचने के लिए तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस डिलीवरी करने की इजाजत नहीं दे रही है। अमेरिकी सांसद पहले से ही तुर्की और रूस की बढ़ती गतिविधियों को लेकर गुस्से में है। ऐसे में इस बात की संभावना कम ही है कि इस डील को इजाजत मिले।
एर्दोगन के पक्के दोस्त हैं ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन पक्के वाले दोस्त हैं। कहा जाता है कि यदि कोई राजनीतिक संरक्षण के लिए ट्रंप पर मोहम्मद बिन सलमान से ज्यादा निर्भर करता है तो वह तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन हैं। नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (NATO) के सहयोगी होने के बाद भी तुर्की ने रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदा है। ऐसे में यूएस कांग्रेस ने तुर्की पर प्रतिबंध लगाए जाने की वकालत की थी, लेकिन ट्रंप ने इसे लागू करने से मना कर दिया था।
ट्रंप ने एर्दोगन के कहने पर ही सीरिया से हटाई सेना
एर्दोगन ने अपने व्यक्तिगत संबंधों के कारण ही ट्रंप को सीरिया के कुर्द क्षेत्रों से अमेरिकी सैनिकों को वापस लेने के लिए मनाया था ताकि तुर्की उन क्षेत्रों पर अपना नियंत्रण कर सके। ट्रंप ने सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में पेंटागन या अमेरिकी सहयोगियों से सलाह किए बिना ही यह निर्णय लिया था। जबकि इसमें ब्रिटेन, फ्रांस और कुर्द लड़ाके भी शामिल थे। जबकि अमेरिका के सहयोगी कुर्द लड़ाकों को तुर्की आतंकवादी मानता है।
पॉवर बैलेंस करना चाहता है तुर्की
तुर्की की चाहत अब अमेरिका और रूस के साथ पॉवर बैलेंस करने की है। तुर्की को लगता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की विदाई निश्चित है। ऐसे में अगले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन तुर्की को रूस के साथ संबंध रखने पर थोड़ी भी रियायत नहीं देंगे। अमेरिका ने पहले से ही तुर्की के ऊपर कुछ प्रतिबंध लगाए हुए हैं। ऐसे में नए डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति तुर्की पर नए प्रतिबंधों का ऐलान कर सकते हैं। तुर्की अपनी खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को और बर्बाद नहीं करना चाहता है, इसलिए ही वह अमेरिका से भी हथियार खरीदने की बात कर रहा है।
कितनी खतरनाक है अमेरिका की पैट्रियट मिसाइल
अमेरिका की पैट्रियट एडवांस्ड कैपेबिलिटी – 3 (PAC-3) मिसाइस दुनिया की सबसे बेहतरीन डिफेंस सिस्टम में से एक है। यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम दुश्मन की बैलेस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और लड़ाकू जहाजों को पल भर में मार गिराने में सक्षम है। सभी मौसम में दागे जाने वाली इस मिसाइल का निर्माण लॉकहीड मॉर्टिन ने किया है।
वर्तमान में इन देशों में तैनात है यह मिसाइल
पैट्रियट एडवांस्ड कैपेबिलिटी – 3 मिसाइल इस समय पूरे अमेरिका, जर्मनी, ग्रीस, इजरायल, जापान, कुवैत, नीदरलैंड, सऊदी अरब, कोरिया, पोलैंड, स्वीडन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, रोमानिया, स्पेन और ताइवान की सेना में शामिल है। 2003 के इराक युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना ने पैट्रियट मिसाइल सिस्टम को तैनात किया। कुवैत में तैनात इस मिसाइल डिफेंस सिट्म ने दुश्मनों की कई मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया था।