लिट्टे को आतंकी सूची से बाहर करेगा ब्रिटेन, भड़के श्रीलंका ने कहा- फैसला मंजूर नहीं
ब्रिटेन की एक अपीलीय आयोग ने श्रीलंका के आतंकी संगठन (लिट्टे) को आतंकी सूची से बाहर करने का फरमान सुनाया है। ब्रिटिश आयोग के इस आदेश पर श्रीलंका सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कड़ी नाराजगी जताई है। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसने को प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची से बाहर करने के ब्रिटेन के एक अपीलीय आयोग के फैसले के खिलाफ अपील की है।
ब्रिटिश अपीलीय आयोग ने प्रतिबंध हटाने का आदेश दिया
श्रीलंकाई विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बुधवार को प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ अपीलीय आयोग द्वारा सुनाए गए फैसले से श्रीलंका अवगत है। लिट्टे के मुखौटा संगठन द्वारा मई 2019 में दाखिल की गयी अपील पर आयोग ने यह फैसला सुनाया है। संगठन ने ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के आठ मार्च 2019 के फैसले को चुनौती दी थी।
ब्रिटिश गृह मंत्रालय के फैसले को दी गई थी चुनौती
उस समय ब्रिटिश गृह मंत्रालय ने अपने देश के आतंकवाद कानून के तहत प्रतिबंधित संगठनों की सूची से लिट्टे को हटाने के लिए संगठन के आवेदन को खारिज कर दिया था। आयोग में हुई इस सुनवाई में श्रीलंका पक्षकार नहीं था लेकिन श्रीलंका की सरकार ने जारी आतंकवादी गतिविधियों के संबंध में प्रासंगिक सूचनाएं मुहैया कराकर ब्रिटेन सरकार की मदद की थी।
श्रीलंकाई विदेश मंत्रालय ने कहा- हमारे पास सबूत
श्रीलंकाई विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा है कि आयोग द्वारा अपील को मंजूर करने और फैसले पर आगे सुनवाई के लिए श्रीलंका की सरकार ब्रिटेन में मामले की प्रगति पर करीबी नजर रखेगी। श्रीलंका ने कहा है कि उसके पास यह साबित करने के लिए ठोस सबूत हैं कि लिट्टे और आतंकवादी विचारधारा से संबद्ध समूह के शेष लोग देश में हिंसा और अशांति भड़काने के लिए काम कर रहे हैं और विदेशों में सक्रिय हैं ।
19 साल पहले ब्रिटेन ने लिट्टे को किया था प्रतिबंधित
ब्रिटेन ने 2000 की शुरुआत में लिट्टे को आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया था। श्रीलंका की सेना ने 2009 में लिट्टे के शीर्ष नेता को मार गिराया था । लिट्टे ने अलग तमिल राज्य की मांग को लेकर श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी प्रांतों 30 वर्षों तक सैन्य अभियान चलाया था।