दुनिया के 5 सबसे खूंखार तानाशाह, जिन्होंने पार की थीं क्रूरता की हदें
दुनिया में कई ऐसे तानाशाह हुए हैं जिन्होंने इंसानी सभ्यता को न केवल शर्मशार किया है, बल्कि क्रूरता की हदें भी पार कीं। इन तानाशाहों ने अपने ताकत के दम पर आम लोगों के ऊपर भयंकर जुल्म ढाहे। कोई अपनी सनक मिटाने तो कोई उनके मांस को खाने के लिए इंसानों को बलि का बकरा बना देते थे। इन खूंखार तानाशाहों के कारण दुनियाभर में लाखों की संख्या में लोग मारे गए। जानिए ऐसे ही 5 तानाशाहों को…
दुनिया में कई ऐसे तानाशाह हुए हैं जिन्होंने इंसानी सभ्यता को न केवल शर्मशार किया है, बल्कि क्रूरता की हदें भी पार कीं। इन तानाशाहों ने अपने ताकत के दम पर आम लोगों के ऊपर भयंकर जुल्म ढाहे। कोई अपनी सनक मिटाने तो कोई उनके मांस को खाने के लिए इंसानों को बलि का बकरा बना देते थे।
दुनिया में कई ऐसे तानाशाह हुए हैं जिन्होंने इंसानी सभ्यता को न केवल शर्मशार किया है, बल्कि क्रूरता की हदें भी पार कीं। इन तानाशाहों ने अपने ताकत के दम पर आम लोगों के ऊपर भयंकर जुल्म ढाहे। कोई अपनी सनक मिटाने तो कोई उनके मांस को खाने के लिए इंसानों को बलि का बकरा बना देते थे। इन खूंखार तानाशाहों के कारण दुनियाभर में लाखों की संख्या में लोग मारे गए। जानिए ऐसे ही 5 तानाशाहों को…
चंगेज खान
चंगेज खान मंगोल आक्रमणकारी था। 13वीं सदी की शुरुआत में चंगेज खान और उसके मंगोल सैनिक जिस भी शहर में घुसते थे उसका बर्बाद होना तय होता था। ये हर शहर में घुसते ही लूटमार, हत्याएं और बलात्कार करते थे। जाते-जाते ये उस जगह पर इंसानी खोपड़ियों का ढेर लगाकर अपनी ताकत का प्रदर्शन भी करते थे। उस समय मंगोल साम्राज्य चीन की राजधानी पेइचिंग से रूस की राजधानी मास्को तक फैला हुआ था। कहा जाता है कि चंगेज खान ने बड़ी संख्या में मुस्लिमों को भी मारा था। चंगेज खान के बारे में यह भी कहा जाता है कि उसने कई हजार महिलाओं के साथ संबंध बनाए थे।
व्लाद या ड्रैकुला
रोमानिया के वालाशिया के राजकुमार व्लाद थर्ड को ड्रैकुला के नाम से जाना जाता है। व्लाद का जन्म सन 1431 ट्रांसिल्वेनिया में हुआ था। कहा जाता है कि वह इंसानों का खून पीता था। हालांकि कई लोग इसे अफवाह मानते हैं। उस्मानिया सल्तनत के खिलाफ जंग में घिनौना काम करने और अपने दुश्मनों को भाले में टांगकर डंडों से लटकती लाशों के जंगल बनाने के कारण ही उसे ड्रैकुला की संज्ञा दी गई थी। वह अपने दुश्मनों को भाले के नोक पर टांग दिया करता था।
ईदी अमीन
युगांडा के तानाशाह ईदी अमीन को इंसानी मांस खाने का शौक था। इस कारण ही उसे नरभक्षी शासक भी कहा जाता है। कहा जाता है कि वह भिखारियों को गोली से उड़वा देता था। अपने 8 साल के कार्यकाल में उसने कम से कम 5 लाख लोगों की हत्याएं करवाई, जिसमें उसके कई राजनीतिक प्रतिद्वंदी भी शामिल थे। हैवानियत के कारण ही ईदी अमीन को मैड मैन ऑफ अफ्रीका भी कहा जाता था। दावा तो यह भी किया जाता है कि उसके फ्रिज से इंसानी मांस मिला था। 1979 में जब तंजानिया और ईदी अमीन की विरोधी सेना ने हाथ मिला लिया तब यह भागकर सऊदी अरब चला गया। वहीं पर साल 2003 में इस खूंखार तानाशाह की मौत हो गई थी।
माओ जेडॉन्ग या माओत्से तुंग
माओ जेडॉन्ग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का संस्थापक था। भले ही चीनी इसकी तारीफ करते हुए न थके, लेकिन वास्तव में यह एक खूंखार तानाशाह था। जिसकी नीतियों और अत्याचार के कारण कम से कम 4 करोड़ लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। माओ का इलाज करने वाले डॉक्टर जी शी ली की किताब के अनुसार, वह अपनी पूरी जिंदगी में कभी ब्रश नहीं किया था। किताब में यह भी लिखा गया था कि वह कभी कभार ही नहाया करता था। 26 दिसंबर, 1893 को हुनान प्रांत के शाओशान कस्बे में जन्मा माओ बाद में आधुनिक चीन का संस्थापक बना।
एडोल्फ हिटलर
हिटलर के अत्याचारों से तो पूरी दुनिया ही कांप गई थी। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उसने कम से कम 20 लाख से ज्यादा यहूदियों को उनके धर्म के कारण मार दिया था। इतना ही नहीं युद्ध की उसकी सनक के कारण केवल द्वितीय विश्वयुद्ध में लगभग 7 करोड़ लोग मारे गए थे। हिटलर जर्मनी के नाजी पार्टी का नेता था। नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी (NSDAP) को नाज़ी कहा जाता था। नाजी पार्टी जर्मनी में एक राजनीतिक पार्टी थी जो 1919 में प्रथम विश्व युद्ध के बाद स्थापित हुई थी। नाजी नेतृत्व का कहना था कि दुनिया से यहूदियों को मिटाना जर्मन लोगों और पूरी इंसानियत के लिए फायदेमंद होगा। हालांकि असल में यहूदियों की ओर से उन्हें कोई खतरा नहीं था। इसके लिए उन्होंने उम्र, लिंग, आस्था या काम की परवाह नहीं की।