चीन के नजदीक पहुंचा US एयरक्राफ्ट कैरियर, किया युद्धाभ्यास
अमेरिका और चीन के बीच जारी तनाव एक बार फिर बढ़ता दिखाई दे रहा है। ताइवान की सीमा पर चीनी सैनिकों और जंगी जहाजों की बढ़ती तादाद से चिंतित अमेरिका ने अपने एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस रोनाल्ड रीगन को फिर साउथ चाइना सी में तैनात कर दिया है। अमेरिका के इस युद्धपोत ने चीन के करीब स्थित एक द्वीप के पास युद्धाभ्यास भी किया।
चीन को सीधी चुनौती दे रहा अमेरिका
यूएसएस रोनाल्ड रीगन के एयर ऑपरेशन ऑफिसर जोशुआ फगन ने कहा कि साउथ चाइना सी में इस युद्धाभ्यास का मकसद इस इलाके के हर देश को उड़ान भरने, समुद्री इलाके से गुजरने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक संचालन करने में सहायता देना है। इस क्षेत्र में चीन का जापान, इंडोनेशिया, ताइवान, ब्रुनेई और फिलीपींस सहित कई देशों से विवाद है।
ताइवान पर हमले का प्लान बना रहा चीन
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी हैनान द्वीप पर बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण अभ्यास करने की योजना बना रही है। जापानी मीडिया के अनुसार, इस दौरान चीनी सेना ताइवान-नियंत्रित द्वीपों पर कब्जे का प्रयास भी कर सकती है। पीएलए के दक्षिणी कमांड थिएटर के निर्देशन में होने वाले इस युद्धाभ्यास के लिए बड़े पैमाने पर मरीन कमांडो, लैंडिंग शिप्स होवरक्राफ्ट और सैन्य हेलिकॉप्टरों को चीन ने ताइवानी सीमा के पास तैनात कर दिया है।
इसलिए दुश्मन हैं चीन और ताइवान
1949 में माओत्से तुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्ट पार्टी ने चियांग काई शेक के नेतृत्व वाले कॉमिंगतांग सरकार का तख्तापलट कर दिया था। जिसके बाद चियांग काई शेक ने ताइवान द्वीप में जाकर अपनी सरकार का गठन किया। उस समय कम्यूनिस्ट पार्टी के पास मजबूत नौसेना नहीं थी। इसलिए उन्होंने समुद्र पार कर इस द्वीप पर अधिकार नहीं किया। तब से ताइवान खुद को रिपब्लिक ऑफ चाइना मानता है।
अमेरिकी ताकत का प्रतीक है एयरक्राफ्ट कैरियर
यूएस नेवी के एयरक्राफ्ट कैरियर दुनियाभर में अमेरिकी नौसैनिक ताकत के प्रतीक माने जाते हैं। अमेरिका ने साउथ चाइना सी में यह युद्धाभ्यास ऐसे समय पर शुरू किया है जब इसी इलाके में चीन की नौसेना भी युद्धाभ्यास कर रही है। चीन की नेवी परासेल द्वीप समूह के पास पिछले कई दिनों से युद्धाभ्यास करके ताइवान और अन्य पड़ोसी देशों को धमकाने में जुटी हुई है।