सऊदी-ईरान से चीन की दोस्ती, टेंशन में इजरायल
लद्दाख में भारत के साथ सीमा पर तनाव पैदा करने के बाद चीन अब इजरायल के खिलाफ सऊदी अरब और ईरान को साध रहा है। मिडिल ईस्ट में चीन की इस चाल से इजरायल की चिंताएं बढ़ गई हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज ने देश के सुरक्षा को लेकर हाल में ही कई उच्च स्तरीय बैठकें भी की हैं।
मिडिल ईस्ट में अमेरिका की जगह चीन ने ली
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने पिछले कुछ सालों में मिडिल ईस्ट से अपना ध्यान हटाकर साउथ एशिया में केंद्रित कर लिया है। जिसके बाद अमेरिका के खाली जगह को भरने के लिए चीन ने आक्रामक रणनीति अपनाते हुए ईरान और सऊदी अरब के साथ घनिष्ठ संबंध विकसित किए हैं। चीन ने ईरान के साथ तो अरबों डॉलर का व्यापार और रक्षा समझौता किया है।
रूस की चाल ने भी इजरायल को किया परेशान
रूस ने भी मिडिल ईस्ट में अपने सहयोगी देशों को भारी मात्रा में हथियार बेचे हैं। दावा किया गया है कि सीरिया, लीबिया, मिस्र और सऊदी अरब ने रूस से कई तरह के हथियारों की डील की है। ये सभी देश परंपरागत रूप से इजरायल के दुश्मन हैं। ऐसे में अमेरिका के इस क्षेत्र में कमजोर पड़ने से इजरायल की टेंशन बढ़ गई है।
चीन-ईरान में 400 अरब डॉलर की महाडील
जून में ईरान ने आर्थिक और सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर चीन के साथ 25 साल के रणनीतिक सहयोग के लिए एक मसौदा समझौते को मंजूरी दी है। इस डील की कीमत लगभग 600 बिलियन डॉलर (प्रति वर्ष 17 बिलियन डॉलर) है। समझौते के तहत, ईरान चीन को डिस्काउंट पर तेल बेचेगा, जिसके बदले उसे बैंकिंग, परिवहन, ऊर्जा, संचार और प्रौद्योगिकी से जुड़ी पहल में चीनी निवेश के लिए प्राथमिकता मिलेगी। रूस भी ईरान के साथ इसी तरह की रणनीतिक 20 साल की संधि पर काम कर रहा है। इतना ही नहीं, चीन और ईरान मिलकर साइबर हथियार विकसित करने जा रहे हैं जिसका निशाना इजरायल होगा।
सऊदी के साथ संबंध सुधार रहा इजरायल
इजरायल और सऊदी के बीच हाल के कुछ साल में द्विपक्षीय संबंध बेहतर हुए हैं। सऊदी अरब और इजरायल दोनों ईरान के परमाणु हथियार बनाने का विरोध करते हैं। इसके अलावा ये दोनों देश यमन, सीरिया, इराक और लेबनान में ईरान की आकांक्षाओं के विस्तार को लेकर भी चिंतित हैं। हिजबुल्लाह को लेकर भी इजरायल और सऊदी एक रुख रखते हैं। माना जा रहा है कि सऊदी और इजरायल खुफिया जानकारी, प्रौद्योगिकी और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में मिलकर काम कर रहे हैं। वहीं इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के प्रमुख अपने सऊदी समकक्षों और अन्य सऊदी नेताओं के साथ गुप्त रूप से मिलते रहे हैं।