मालदीव में निवेश करेगा भारत, चीन को झटका
भारत ने पड़ोसी देश मालदीव से चीन को बाहर निकालने के लिए रणनीतिक रूप से अहम फैसला लिया है। इसके तहत मालदीव में महत्वपूर्ण सम्पर्क परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए भारत 40 करोड़ डालर की कर्ज सुविधा और 10 करोड़ डालर का अनुदान देगा। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद के बीच हुई बैठक के बाद दोनों देशों में सहमति बनी।
सोलिह ने भारत से मांगी थी सहायता
अधिकारियों ने बताया कि 6.7 किलोमीटर की ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना (जीएमसीपी) मालदीव में सबसे बड़ी नागरिक आधारभूत परियोजना होगी जो माले को तीन पड़ोसी द्वीपों- विलिंगिली, गुल्हीफाहू और थिलाफूसी से जोड़ेगी। जीएमसीपी की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि यह सत्तारूढ़ एमडीपी पार्टी का प्रमुख चुनावी वादा था जिसके लिये मालदीव के राष्ट्रपति ने पिछले वर्ष सितंबर में जयशंकर से बैठक के दौरान भारत की सहायता मांगी थी।
मालदीव के अहम क्षेत्रों को जोड़ेगी यह परियोजना
जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि भारत ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना के क्रियान्वयन करने के लिये वित्त पोषण करेगा जो 40 करोड़ डालर की कर्ज सुविधा और 10 करोड़ डालर के अनुदान के जरिये होगा। यह 6.7 किलोमीटर की पुल परियोजना है जो माले को गुल्हीफाहू बंदरगाह और थिलाफूसी औद्योगिक क्षेत्र से जोड़ेगा। इससे मालदीव की अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलेगी और बदलाव आयेगा।
मालदीव के साथ कार्गो सेवा भी शुरू करेगा भारत
उन्होंने भारत और मालदीव के बीच नियमित कार्गो सेवा शुरू करने की भी घोषणा की ताकि दोनों देशों के बीच कारोबार और वाणिज्य को गति प्रदान की जा सके। जयशंकर ने कहा कि हम मालदीव के साथ एयर बबल (हवाई यात्रा) शुरू कर रहे हैं ताकि दोनों देशों के लोगों के बीच सम्पर्क को बढ़ावा मिल सके । जीएमसीपी परियोजना में एक पुल और 6.7 किलोमीटर लंबे सम्पर्क मार्ग का निर्माण शामिल है।
मालदीव के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी का किया धन्यवाद
मालदीव के राष्ट्रपति ने ट्वीट करते हुए कहा कि मालदीव-भारत के बीच सहयोग में आज एक ऐतिहासिक क्षण है जब हमें बजट सहायता के रूप में 250 मिलियन डॉलर और ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट के लिए 500 मिलियन डॉलर की भारतीय सहायता प्राप्त हुई है। मैं पीएम नरेंद्र मोदी और भारतीय लोगों को उनकी उदारता और दोस्ती के लिए धन्यवाद देता हूं।
पीएम मोदी बोले- हिंद महासागर जितनी गहरी रहेगी हमारी मित्रता
उनके इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि भारत कोरोना वायरस महामारी के आर्थिक प्रभाव को कम करने में मालदीव का समर्थन करना जारी रखेगा। हमारी विशेष मित्रता हिंद महासागर के पानी की तरह हमेशा गहरी रहेगी।
रणनीतिक रूप से अहम है मालदीव
अरब सागर में 90 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला के लिए रणनीतिक रूप से अहम देश है। मालदीव की जलसीमा से सबसे नजदीक स्थित भारतीय द्वीप मिनीकॉय की दूरी मात्र 100 किलोमीटर है। जो कि लक्षद्वीप की राजधानी कावरत्ती से लगभग 400 किलोमीटर दूर है। बता दें कि केरल के दक्षिणी बिंदू से मालदीव के इस द्वीप की दूरी मात्र 600 किलोमीटर ही है।
चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव में मालदीव अहम
हथियारों के खरीद फरोख्त पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था सिपरी (SIPRI) के न्यूक्लियर इंफार्मेशन प्रोजक्ट के निर्देशक हेंस क्रिस्टेंसन ने ट्वीट कर कहा कि मालदीव के Feydhoo finolhu द्वीप को तत्कालीन चीनी सरकार ने 4 मिलियन डॉलर में चीन को 2016 में लीज पर दे दिया था। अब चीन यहां साउथ चाइना सी के तर्ज पर अपने बेल्ट और रोड इनिशिएटिव के रूप में भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है।
चीन ने मालदीव को कर्ज के जाल में फंसाया
भारत के वैश्विक स्तर पर बढ़ते साख से घबराए चीन ने हिंद महासागर में स्थित कई देशों को अपने कर्ज के जाल में फंसा रखा है। चीन वैश्विक व्यापार और अपने इंफ्रास्टक्चर प्लान के जरिए इन देशों में अपनी पकड़ को मजबूत कर रहा है। इस कड़ी में 90 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला मालदीव उसका पसंदीदा शिकार बना। हालांकि 2018 में सत्ता परिवर्तन के बाद से मालदीव की नई सरकार ने चीन के साथ कोई बड़ा समझौता नहीं किया है।