हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन : पीएम मोदी से मिले सरताज अजीज
अमृतसर : दो दिवसीय हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन शनिवार को अमृतसर में शुरू हुआ. इस सम्मेलन में मुख्य तौर पर बढ़ते आतंकवाद व चरमपंथ के खतरे पर चर्चा हो रही है. साथ ही अफगानिस्तान के समक्ष पेश विभिन्न चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है. पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे सरताज अजीज भी शनिवार को अमृतसर पहुंचे. उन्होंने सद्भावना के तौर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को फूलों का एक गुलदस्ता भेजा है और उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की. पीएम मोदी से सरताज अजीज कल रात मिले और दोनों नेताओं ने हाथ भी मिलाया लेकिन दोनो के बीच किसी तरह की बातचीत नहीं हुई.
शनिवार को पहले दिन आतंक विरोधी ढांचे, अफगानिस्तान में स्थायी शांति व अर्थव्यवस्था में वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा हुई. रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी व अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी मंत्री-स्तरीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे, जिसमें पाकिस्तानी पीएम के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज भी हिस्सा लेंगे. संभावना है कि इस दौरान भारत सीमा पार आतंक के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरेगा, जिसमें अफगानिस्तान भी साथ दे सकता है. दोनों देशों ने पाक प्रायोजित आतंकवाद को क्षेत्रीय शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है.
इस बीच करीब चालीस देशों के अफसरों ने शनिवार को अफगानिस्तान का विभिन्न देशों से जुड़ाव और उनके साथ व्यापार बढ़ाने पर चर्चा की. इसकी सह अध्यक्षता विदेश सचिव एस जयशंकर व अफगानिस्तान के उप विदेश मंत्री हिकमत खलील करजई ने की. अफगानिस्तान एक रीजनल काउंटर-टेरर फ्रेमवर्क बनाने पर जोर दिया. बैठक में मंत्री स्तरीय सम्मेलन के मसौदे को अंतिम रूप देने के साथ घोषणा-पत्र पर भी विचार विमर्श हुआ.
यह सम्मेलन ऐसे वक्त हो रहा है, जब कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों के हमले में सेना के सात जवान शहीद हो गये थे. उड़ी आतंकी हमले और फिर सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से न सिर्फ सेना पर आतंकी हमलों में तेजी आयी है, बल्कि पाकिस्तान की तरफ से संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं भी बढ़ी हैं.
अजीज भी पहुंचे
पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे सरताज अजीज भी शनिवार को अमृतसर पहुंचे. उन्होंने सद्भावना के तौर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को फूलों का एक गुलदस्ता भेजा है और उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की. सम्मेलन से इतर भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ रहे तनाव को लेकर बातचीत की संभावना भी जतायी जा रही है. हालांकि, यह वार्ता मुश्किल है. भारत स्पष्ट कर चुका है कि आतंक व वार्ता साथ-साथ नहीं हो सकती.
40 देश ले रहे हिस्सा
भारत, चीन, रूस, ईरान और पाकिस्तान समेत 14 देशों के वरिष्ठ अफसर इसमें हिस्सा ले रहे हैं और 17 सहयोगी देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. करीब 40 देशों व यूरोपीय यूनियन जैसा बड़ा समूह सम्मेलन में शिरकत कर रहा है.
क्या है हार्ट ऑफ एशिया?
आतंकवाद, चरमपंथ व गरीबी से निबटने के लिए अफगानिस्तान और इसके पड़ोसी देशों के बीच आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए 2011 में शुरू की गयी पहल में भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान, अजरबैजान, चीन, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, सऊदी अरब जैसे देश शामिल हैं.