कमजोर नहीं टिकते, मजबूत के साथ होता है गठजोड़ : बेंजामिन नेतन्याहू

कमजोर नहीं टिकते, मजबूत के साथ होता है गठजोड़ : बेंजामिन नेतन्याहू
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

नई दिल्ली: आगरा के व्यस्त दौरों और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू दिल्ली पहुंचकर रायसीना संवागद कार्यक्रम का उद्घाटन किया. वार्षिक जियो पॉलिटिक्स कॉन्फ्रेंस में नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मौजूदगी में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि आज मजबूत देशों से ही गठजोड़ बनाया जाता है. कमजोर नहीं टिकटे हैं. शक्तिशाली जिंदा रहते हैं. मेरा मानना है कि मजबूत के साथ गठजोड़ बनाएं और इसकी संभवानआएं अनंत हैं. यहूदी इतिहास इसका सबक है. बता दें कि नेतन्याहू 6 दिनों के भारत दौरे पर हैं.

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आज कहा कि इस्लामी कट्टरवाद और इससे संबंधित आतंकवादियों का खतरा अंतरराष्ट्रीय तानेबाने को प्रभावित कर सकता है तथा इस चुनौती से निपटने के लिए भारत एवं इस्राइल के बीच अधिक मजबूत संबंधों की जरूरत है. ‘रायसीना संवाद’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने भारत को इस्राइल का ‘स्वाभाविक मित्र एवं साझेदार’ करार दिया. उनके इस कथन पर दर्शक दीर्घा में बैठे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुस्कराए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के पर टिप्पणी करते हुए भारत पर आने वाले इजराइल के दूसरे प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि ‘तीन हजार सालों में आप पहले ऐसे नेता हैं, जिन्होंने इजरायल का दौरा किया. हम भारत में उतना विश्वास करते हैं, जितना आप करते हैं.’ उन्होंने कहा कि दो राष्ट्र चर्चा करते हैं कि कैसे दो राष्ट्रों के नागरिकों की सुरक्षा को पुख्ता किया जाए.

नेतन्याहू ने कहा, ‘नवोन्मेष के लिए किए जा रहे प्रयास को इस्लामी कट्टरवाद और इससे संबंधित आतंकवादी चुनौती दे रहे हैं. ये अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को अशांत कर सकते हैं.’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक मजबूत राष्ट्र के तौर पर उभरने के लिए आर्थिक, सैन्य और राजनीतिक ताकत विकसित करने की जरूरत है.

नेतन्याहू ने भारत में लाल फीताशाही पर अंकुश लगाने और कारोबार सुगमता के लिए उठाए कदमों को लेकर मोदी सरकार की तारीफ की. भारत के छह दिनों के दौरे पर आए नेतन्याहू ने कहा कि एक सरकार आर्थिक प्रगति को सुगम बनाना और बाधित करना दोनों काम कर सकती है. अगर कारोबारी इकाइयों के जरिए नवोन्मेष में मददगार मुक्त बाजार उपलब्ध है तो प्रगति संभव है.

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.