मोदी कैबिनेट का विस्तार बुधवार को? यूपी को खास तवज्जो मिलने की उम्मीद
मंत्रिपरिषद में विस्तार और फेरबदल की अटकलों को मंगलवार को तब और बल मिला जब केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया। साथ ही उन नेताओं को फोन कर दिल्ली बुलाया गया जिन्हें मंत्री बनाए जाने की चर्चा पिछले कुछ दिनों से चल रही है।
दौड़ में बड़े नाम
इन नेताओं में प्रमुख नाम मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, महाराष्ट्र से राज्यसभा के सदस्य नारायण राणे और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के पारस गुट के नेता पशुपति पारस भी दिल्ली पहुंच चुके हैं। उनके अलावा जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष आरसीपी सिंह भी दिल्ली में हैं। मौजूदा मंत्रिपरिषद में गहलोत सहित कुल 53 मंत्री हैं और नियमानुसार अधिकतम मंत्रियों की संख्या 81 हो सकती है।
सिंधिया ने किए महाकालेश्वर के दर्शन
सिंधिया मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल का तीन दिवसीय दौरा अधूरा छोड़कर दिल्ली पहुंचे। उन्होंने इससे पहले धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन भी किए।
कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में मंत्री रह चुके सिंधिया ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘मेरा उज्जैन का दौरा समाप्त हो गया है। अब मैं दिल्ली जा रहा हूं। मैं अगले हफ्ते लौटूंगा।’ उन्होंने हालांकि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल होने की अटकलों पर औपचारिक रूप से चुप्पी बरकरार रखी। कहा कि उन्हें इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं है।
राणे ने की गोलमोल बात
राणे ने दिल्ली हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘मैं सांसद हूं तो दिल्ली आना ही पड़ता है। संसद सत्र से पहले हम आते ही हैं।’ केंद्रीय मंत्रिपरिषद में विस्तार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘विशेष कुछ होगा तो जरूर बताएंगे। आप लोगों से कुछ छुपा सकते हैं क्या?’
नड्डा के घर पर बैठक
इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर एक बैठक हुई। इसमें पार्टी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष उपस्थित थे। संतोष ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी बैठक की थी। शाह और संतोष ने रविवार को प्रधानमंत्री के निवास पर उनके साथ कई घंटों तक चर्चा की थी। इन बैठकों को मंत्रिपरिषद विस्तार से जुड़े ब्यौरे को अंतिम रूप देने से जोड़कर देखा जा रहा है।
ये भी बन सकते हैं कैबिनेट का हिस्सा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जिन नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है, उनमें सिंधिया, सोनोवाल और राणे के अलावा बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, महाराष्ट्र के नन्दुरबार से सांसद हिना गावित, भाजपा महासचिव व राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र यादव, ओडिशा से राज्यसभा के सदस्य अश्विनी वैष्णव के नाम शामिल हैं।
यूपी को तवज्जो क्यों?
इस फेरबदल में उत्तर प्रदेश को खास तवज्जो मिल सकती है क्योंकि अगले साल की शुरुआत में वहां विधानसभा चुनाव हैं। राजनीतिक रूप से यह देश का सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश माना जाता है।
सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व भी इस विस्तार में बढ़ सकता है। माना जा रहा है कि भाजपा की सहयोगियों जदयू और अपना दल (एस) को भी प्रतिनिधित्व मिल सकता है। आरपीआई नेता राम दास अठावले इकलौते ऐसे गैर भाजपाई नेता हैं जो नरेंद्र मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल हैं।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स