स्‍टेन स्‍वामी के निधन पर भड़कीं विपक्षी पार्टियां, कहा- यह मौत नहीं हत्या है

स्‍टेन स्‍वामी के निधन पर भड़कीं विपक्षी पार्टियां, कहा- यह मौत नहीं हत्या है
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

नई दिल्‍लीभीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में आरोपी का मुंबई के होली फैमिली हॉस्पिटल में सोमवार को निधन हो गया। स्‍टेन स्‍वामी की जमानत याचिका पर सोमवार को ही सुनवाई होनी थी। उनके निधन पर विपक्ष के तमाम दिग्‍गज नेताओं ने शोक जताया। साथ ही केंद्र पर निशाना भी साधा। उन्‍होंने कहा कि बुजुर्ग सामाजिक कार्यकर्ता की गिरफ्तारी राष्‍ट्रीय अपमान है।

कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष ने फादर स्‍टेन स्‍वामी के निधन पर संवेदना जाहिर की। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा, ‘फादर स्टेन स्वामी के निधन पर हार्दिक संवेदना। वह न्याय और मानवता के पात्र थे।’

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता शश‍ि थरूर ने काफी तीखी प्रतिक्रिया की। उन्‍होंने लिखा, ‘फादर स्‍टेन स्‍वामी के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। एक सभ्‍य और नेक इंसान जिनके साथ हमारी सरकार मानवता का व्‍यवहार नहीं कर सकी। मुझे एक भारतीय के रूप में गहरा दुख हुआ। ईश्‍वर स्‍टेन स्‍वामी की आत्‍मा को शांति दे।’

थरूर ने यह भी लिखा कि दशकों तक असहायों की मदद करने वाले 83 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता को गिरफ्तार करना राष्ट्रीय अपमान है। यह दुनिया की नजर में उदार लोकतंत्र के रूप में हमारे देश की छवि को धूमिल करता है।

वहीं, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि वह फादर स्टेन स्वामी के निधन से आहत और आक्रोशित हैं।

उन्‍होंने ट्वीट किया, ‘फादर स्टेन स्वामी के निधन पर गहरा दुख और आक्रोश है। वह सही मायनों में सामाजिक कार्यकर्ता थे जिन्‍होंने हाशिए पर रहने वालों की अथक मदद की। वह अक्टूबर 2020 से यूएपीए के तहत हिरासत में हैं। बिना आरोप सिद्ध हुए तब से उनके साथ अमानवीय व्यवहार होता आया है। हिरासत में इस हत्या के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए।’

जाने माने वकील प्रशांत भूषण ने कहा, ‘मेरी जानकारी में सबसे सज्जन और दयालु पुरुषों में से एक की हत्या से यह कम नहीं है। दुर्भाग्य से हमारी न्यायिक व्यवस्था भी इसमें शामिल है।

वहीं, राष्‍ट्रीय जनता दल ने ट्वीट किया कि देश के तानाशाह को फादर स्टेन स्वामी की ‘हत्या’ की मुबारकबाद!

भीम आर्मी प्रमुख चंद्र शेखर आजाद ने कहा कि मानवाधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी का अचानक चले जाना बहुत दुखदाई है। शोक संतप्त परिवार को मेरी विनम्र संवेदना। यह मौत नहीं हत्या है और इसके लिए सीधे तौर पर संवैधानिक अधिकारों की हत्या करने वाली भाजपा जिम्मेदार है।

पिछले साल एलगार परिषद के प्रोग्राम में दिए गए भाषणों को आधार बनाते हुए आतंकवाद विरोधी कानून के तहत स्‍टेन स्‍वामी को गिरफ्तार किया गया था। उनकी जमानत के लिए स्वास्थ्य को आधार बनाया जा रहा था। लेकिन, इसी बीच उनकी मौत हो गई। फादर स्‍टेन स्‍वामी रविवार से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। उनकी तबीयत काफी खराब हो गई थी। 28 मई को अदालत के आदेश के बाद उनका मुंबई के होली फैमिली अस्पताल में इलाज चल रहा था।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.