'कांग्रेस टूलकिट' मामले पर बोला सुप्रीम कोर्ट, पसंद नहीं तो नजरअंदाज करें

'कांग्रेस टूलकिट' मामले पर बोला सुप्रीम कोर्ट, पसंद नहीं तो नजरअंदाज करें
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नई दिल्ली
कांग्रेस के कथिट ‘टूलकिट’ मामले की जांच की मांग वाली पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने टिप्पणी मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर किसी को’टूलकिट’ पसंद नहीं है तो उसे नजरअंदाज करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि ऐसी घटिया याचिकाओं पर अदालत का वक्त बर्बाद किया जा रहा है।

दरअसल याचिकाकर्ता ने इस पूरे मामले की जांच नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी से कराने की मांग की थी। कोर्ट से यह भी मांग की गई थी कि जांच में कांग्रेस पर आरोप सही पाए जाने पर उसका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाए। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की बेंच ने मामले की सुनवाई की।

बेंच ने याचिकाकर्ता से पूछा कि यह राजनीतिक प्रॉपगैंडा का मामला है, इसलिए इसपर आर्टिकल 32 के तहत कैसे विचार किया जा सकता है। हालांकि कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील शशांक शेखर झा से कहा कि वह चाहें तो मामले में हाई कोर्ट जा सकते हैं। कोर्ट की टिप्पणी के बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली।

इस याचिका में कांग्रेस पार्टी, केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को पक्षकार बनाया गया था और टूलकिट मामले केंद्र सरकार को शुरुआती जांच के लिए केस दर्ज करने का आदेश देने की मांग की गई थी। दरअसल, बीजेपी ने कोरोना को लेकर केंद्र सरकार और पीएम मोदी को बदनाम करने के लिए ‘टूलकिट’ के इस्तेमाल का आरोप कांग्रेस पर लगाया था। हालांकि कांग्रेस ने आरोपों से इनकार किया है, लेकिन दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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