अंडरगारमेंट्स में छिपाकर 1300 सिम ले गया चीन, बॉर्डर से पकड़े गए तस्कर ने उगले राज
(बीएसएफ) ने चीन के हुबेई प्रांत के निवासी हान जुनवे (35) को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस के सुपुर्द कर दिया है। उसे बीएसएफ के गश्ती दल ने गुरुवार को राज्य के माल्दा जिले से गिरफ्तार किया था।
कोलकाता मुख्यालय वाले बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने इसे लेकर एक बयान जारी किया है। इसमें उसने बताया है, ‘जुनवे एक वांछित अपराधी रहा है। उससे पूछताछ में हैरान करने वाला तथ्य सामने आए हैं। वह फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर अब तक करीब 1,300 भारतीय सिमकार्ड यहां से चीन ले जा चुका है।’
कैसे करता था तस्करी?
बयान के अनुसार, ‘जुनवे अपने साथियों की मदद से अंडरगारमेंट में सिम छिपाता था। उन्हें चीन भेजता था। उनका मकसद सिम का इस्तेमाल कर लोगों को धोखा देना और उन्हें ठग कर पैसे ऐंठना था। उसकी गिरफ्तारी बीएसएफ के लिए बड़ी उपलब्धि है।’
आरोप हैं कि इन सिम कार्ड का इस्तेमाल बैंक खातों को हैक करने और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए किया जाता है। जुनवे ने अधिकारियों को बताया कि उसके कारोबारी साझेदार सुन जियांग को पिछले दिनों लखनऊ के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद वह भारतीय वीजा नहीं बनवा पाया। भारत-बांग्लादेश सीमा से अपने देश में घुसने की फिराक में था।
इंटरपोल का ब्लू नोटिस जारी
बीएसएफ ने कहा कि प्रक्रिया के अनुसार, तभी से जुनवे के खिलाफ इंटरपोल के ब्लू नोटिस को जारी कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी। किसी व्यक्ति की पहचान, ठिकाने और किसी अपराध के संबंध में गतिविधियों के बारे में अतिरिक्त सूचनाएं जुटाने के लिए ब्लू नोटिस जारी किया जाता है।
बीएसएफ ने दावा किया कि जुनवे के पास से बड़ी संख्या में संदिग्ध इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिले हैं। चीनी नागरिक ने जांचकर्ताओं को बताया कि वह पहले कम से कम चार बार भारत आ चुका है। दिल्ली के पास गुड़गांव में उसका एक होटल है।
बीएसएफ की ओर से गुरुवार को जारी वीडियो बयान के अनुसार, जुनवे ने कहा कि वह गलती से भारत में आ गया और वह लखनऊ एटीएस के समक्ष आत्मसमर्पण करना चाहता था। उसने कहा कि वह ई-कॉमर्स के व्यापार के संबंध में पहले भी भारत आ चुका है।
साभार : नवभारत टाइम्स