21 जून से देश में मुफ्त टीकाकरण, इन 6 सवालों के जरिए जानिए पूरी ABC

21 जून से देश में मुफ्त टीकाकरण, इन 6 सवालों के जरिए जानिए पूरी ABC
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नई दिल्ली
आगामी 21 जून से देश में 18 साल से ऊपर के हरेक नागरिक को मुफ्त में कोरोना की वैक्सीन लगाई जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार की शाम राष्‍ट्र के नाम अपने संबोधन में मुफ्त टीकाकरण का ऐलान क‍िया था। उन्‍होंने कहा था कि 21 जून से 18 साल से ज्‍यादा उम्र वाले हर व्‍यक्ति को सरकार मुफ्त में टीका लगाएगी। हालांकि निजी अस्‍पतालों में वैक्‍सीन के लिए पहले की तरह कीमत चुकानी होगी।

आपको बता दें कि यह सुविधा केवल केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की ओर से चलाए जा रहे वैक्सीनेशन सेंटर्स पर ही मिलेगी। आइए जानते हैं कोरोना वायरस से बचाव के लिए 18 साल से ऊपर की उम्र के लोगों के फ्री वैक्सीनेशन से जुड़ी तमाम जरूरी बातें….

  1. मैं 18 साल से ज्यादा की उम्र का हूं, क्या मेरा वैक्सीनेशन फ्री में होगा?हां। 21 जून से 18 साल से ऊपर के हरेक भारतीय नागरिक को फ्री में वैक्सीन दी जाएगी। लेकिन, यह सुविधा केवल सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर ही मुहैया कराई जाएगी। आखिरी बार टीकाकरण नीति में बदलाव के हिसाब से, जोकि 1 मई से लागू किया गया था, राज्य सरकारें 18-44 साल के उम्रवर्ग के लोगों के लिए वैक्सीन की खरीद कर उन्हें मुफ्त में टीका लगवा सकती थी और केवल तीन प्राथमिकता वाले समूहों- हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 साल से ऊपर की उम्र के लोगों के लिए ही केंद्र सरकार के वैक्सीनेशन सेंटर्स पर फ्री में वैक्सीन दी जानी थी। लेकिन, 21 जून से यह नियम बदल जाएगा और अब केंद्र और राज्य सरकार के तमाम वैक्सीनेशन सेंटर्स 18 साल से ऊपर के सभी नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन देंगे, चाहे उनकी उम्र कुछ भी क्यों ना हो।
  2. तो इसका मतलब यह है कि अगर मैं प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर पर जाता हूं, तो मुझे टीके के लिए पैसे चुकाने होंगे?हां। प्राइवेट सेंटरों पर वैक्सीनेशन सेवा के लिए सभी उम्रवर्ग के लोगों को भुगतान करना होगा। लेकिन वहां भी वैक्सीन की कीमत पहले से तय होगी और प्राइवेट सेंटर्स उस टीके पर अलग से 150 रुपये की सर्विस चार्ज ही जोड़कर ले पाएंगे। आप जब कोविन ऐप के जरिए वैक्सीनेशन का स्लॉट बुक कराएंगे तो आपको वैक्सीन की कुल कीमत लिखी हुई दिखाई देगी जिसमें टीके की कीमत और प्राइवेट सेंटर/ अस्पताल की सर्विस चार्ज दोनों शामिल होंगे।
  3. देशभर में टीके की कुल कितनी डोज मुफ्त में मुहैया कराई जा रही है?वैक्सीनेशन की नई पॉलिसी के अनुसार, वैक्सीन कंपनियों द्वारा उत्पादित की जा रही वैक्सीन की कुल डोज का 75 पर्सेंट हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा कंपनियों से सीधे खरीद लिया जाएगा और यह पूरी खेप राज्य सरकारों को आवंटित कर दी जाएगी, जोकि 18 प्लस के सभी नागरिकों को मुफ्त में लगाई जाएगी। उदाहरण के लिए, अगर देश में रोजाना वैक्सीन की 30 लाख डोज का उत्पादन होता है (फिलहाल मुख्य रूप से दो बड़ी कंपनियां- सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया कोविशील्ड का और भारत बायोटेक कोवैक्सीन का उत्पादन कर रही हैं) तो इनमें से 22.5 लाख डोज यानी कि कुल डोज का 75 पर्सेंट हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा इनसे सीधे खरीद लिया जाएगा और यह लोगों को देने के लिए राज्यों को फ्री में मुहैया करा दिया जाएगा।
  4. क्या कोई राज्य सरकार अतिरिक्त वैक्सीनेशन के लिए वैक्सीन कंपनियों से सीधे एक्स्ट्रा डोज खरीद सकती है?नहीं। अब 21 जून से वैक्सीन की खरीद में किसी राज्य की कोई भूमिका नहीं रह जाएगी। राज्यों द्वारा दिए जाने वाले सभी वैक्सीन डोज पूरी तरह फ्री रहेंगे और यह तमाम डोज उन्हें पूरी तरह केंद्र सरकार ही देगी। इसीलिए सभी राज्यों को वैक्सीन की कुल सप्लाई को जोड़ दिया जाए तो वह वैक्सीन कंपनियों द्वारा केंद्र को सप्लाई किए जाने वाले कुल डोज का 75 पर्सेंट तक ही सीमित रहेगा।
  5. प्राइवेट अस्पतालों को कितनी मात्रा में वैक्सीन की डोज मुहैया कराई जाएगी?देश में उत्पादित शेष 25 फीसदी वैक्सीन डोज पर प्राइवेट अस्पतालों का ही अधिकार होगा। दूसरे शब्दों में कहें तो बाजार में उपलब्ध हरेक चार में से एक डोज को पूरी तरह प्राइवेट अस्पतालों के लिए रिजर्व कर दिया जाएगा। प्राइवेट अस्पतालों को एक चौथाई वैक्सीन इस उम्मीद के साथ मुहैया कराई जा रही है कि समाज के अपेक्षाकृत ज्यादा सक्षम लोग जो वैक्सीन की कीमत चुका सकते हैं या फिर ऐसे लोग जो सरकारी केंद्रों पर कतार में नहीं लगना चाहते, वह इन प्राइवेट सेंटरों का रुख कर सकते हैं।
  6. क्या फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन ऐंड जॉनसन जैसी विदेशी वैक्सीनें भी जब देश में आ जाएंगी, तो वे भी सरकारी केंद्रों पर मुफ्त में लग सकेंगी?भारत सरकार का अभी तक इन तीन अमेरिकी वैक्सीन मैन्युफैक्चरर्स से कोई सप्लाई एग्रीमेंट नहीं हुआ है। केंद्र सरकार अभी तक इन फार्मा कंपनियों की विशेष शर्तों की स्टडी कर रही है। जब सरकार जब इनसे कोई फाइनल एग्रीमेंट कर ले तभी इसकी खरीद और उपलब्धता के बारे में कोई निर्णय लेगी।

साभार : नवभारत टाइम्स

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