मेहुल चोकसी के वकील का दावा, हमने कानूनी लड़ाई का पहला राउंड जीत लिया है

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नई दिल्ली
पीएनबी घोटाले में आरोपी मेहुल चोकसी के भारत आने में कुछ वक्त लग सकता है। चोकसी की वजह से एंटीगुआ और डोमेनिका में हर रोज कुछ न कुछ हो रहा है। फिलहाल इस मामले में एंटीगुआ के पीएम गैस्टन ब्राउन ने बताया है कि चोकसी के वकीलों ने पुलिस को एक लिस्ट सौंपी है। इस लिस्ट में चोकसी को अगवा करने वाले लोगों पर शक जाहिर किया गया है। मेहुल चोकसी के वकील ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया ने बातचीत की है। आइये पढ़ते हैं क्या कहना है चोकसी के वकील का।

वकीलों से बता कर सकता है चोकसीचोकसी के प्रमुख वकील जस्टिस साइमन ने टीओआई से कहा कि चोकसी को अपने वकीलों से बात करने का अधिकार है और हम हाई कोर्ट से इसे प्राप्त करने में सक्षम थे। हाई कोर्ट ने पुलिस प्रमुख (डोमिनिका) को अदालत की अनुमति के बिना चोकसी को डोमिनिका से बाहर भेजने से रोकने का आदेश दिया है। ऐसे में हमें सुरक्षा मिली है। अब चोकसी एक आपराधिक आरोप का सामना कर रहा है जो अवैध रूप से डोमिनिका में प्रवेश करने का है।

‘डोमिनिकन सरकार भारत भेजना चाहती है’वकील ने कहा कि डोमिनिका में उसका प्रवेश जबरदस्ती था। वह उसके लिए जिम्मेदार नहीं था। चूंकि वह एंटीगुआ और बारबुडा का नागरिक है, इसलिए उसे वापस एंटीगुआ भेजा जाना चाहिए। जहां वह भारत द्वारा किए गए प्रत्यर्पण अनुरोध के सरकारी आदेश को चुनौती दे रहा है। ये दो अदालती मामले हैं जो एंटीगुआ में लंबित हैं। टीओआई की ओर से ये सवाल पूछा गया गया कि डोमिनिकन सरकार ने कहा है कि उसे चोकसी के भारत प्रत्यर्पण पर कोई आपत्ति नहीं है? इस पर वकील ने कहा कि यह अफवाह चल रही है। मुझे इसकी जानकारी नहीं है। मेरी जानकारी में कोई औपचारिक अनुरोध नहीं लाया गया है। यदि भारत सरकार द्वारा डोमिनिकन सरकार से अनुरोध किया गया है तो हमें उस अनुरोध के बारे में भी सूचित नहीं किया गया है।

23 मई को क्या हुआ था?ऐसा लगता है जैसे चोकसी को एंटीगुआ में जॉली हार्बर समुदाय ने अपहरण कर लिया गया था। उसे बारबरा जबरिका नाम की एक महिला ने लालच दिया जो तीन महीने पहले से एंटीगुआ में रही थी। जब भी वह सैर पर जाता वह उसके साथ रहती थी क्योंकि वह महिला उसके पास ही रहती थी। इस महिला ने चोकसी को अपने घर में बुलाया।

आंखों पर पट्टी बांध दी गई- वकीलजैसे ही वह अंदर गया तो वहां पर छह लोगों ने उसे घेर लिया। वहां पर कुछ एंटीगुआन बोली में बोल रहे थे और अन्य भारतीय बोली बोल रहे थे। फिर उन लोगों ने उसे पीटा, बिजली के झटके दिए गए और उसके सिर पर एक हुड रखा गया। इसके बाद उसे एक नांव में डोमिनिका ले जाया गया। उसकी आंखों पर पट्टी बांध दी गई और वह यह नहीं देख पा रहा था कि क्या हो रहा है, लेकिन वह जानता था कि वह नांव पर था। उसे तटरक्षक पोत में ले जाया गया, जहां से पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।

साभार : नवभारत टाइम्स

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