रिटायर होने के 4 साल बाद ब्रिगेडियर रैंक के दो अफसरों का प्रमोशन, मिला मेजर जनरल का पद, SC में लड़ी कानूनी लड़ाई

रिटायर होने के 4 साल बाद ब्रिगेडियर रैंक के दो अफसरों का प्रमोशन, मिला मेजर जनरल का पद, SC में लड़ी कानूनी लड़ाई
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

नई दिल्‍लीसेना से रिटायर होने के 4 साल बाद दो ब्रिगेडियरों को प्रमोशन मिला। उन्‍हें मेजर जनरल की रैंक दी गई। इसके लिए उन्‍हें सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़नी पड़ी। सेना में उनका प्रमोशन 6 साल पहले ही हो जाना था।

यह मामला दो अफसरों ब्रिगेडियर नलिन भाटिया और ब्रिगेडियर वीएन चतुर्वेदी से जुड़ा है। नलिन सेना की खुफिया और चतुर्वेदी शिक्षा इकाई से जुड़े थे। ये अपने-अपने बैच के इकलौते ऐसे अधिकारी थे जिनका नाम साल 2015 में मेजर जनरल रैंक के पद पर प्रमोशन के लिए भेजा गया था।

कोर्ट में इन दोनों अधिकारियों की ओर से पेश हुए वकील कर्नल इंद्र सेन सिंह (रिटायर्ड) ने कहा कि अपने-अपने बैच के इकलौते अधिकारी होने के बावजूद इनका प्रमोशन नहीं किया गया। दोनों अधिकारियों का प्रोफाइल भी शानदार रहा है। इनके खिलाफ कोई निगेटिव रिपोर्ट भी नहीं है। रिपोर्ट में इनका प्रदर्शन ‘औसत से ऊपर’ या शानदार रहा है।

इंद्र सेन सिंह ने कहा, ‘दोनों अधिकारियों का प्रमोशन नहीं होने के पीछे की वजह और भी परेशान करने वाली है। कारण है कि दोनों प्रमोशन के लिए सभी जरूरी योग्यताओं को पूरा कर रहे थे। साथ ही सभी रिपोर्टिंग अधिकारियों ने भी प्रमोशन के लिए उनके नाम की अनुशंसा की थी।

वकील ने कहा कि लगता है कि दोनों अधिकारियों को सिर्फ इसलिए प्रमोट नहीं किया गया क्योंकि तत्कालीन सेना प्रमुख उन्हें ‘पिछले सेना प्रमुख का करीबी आदमी’ मानते थे। खुफिया ईकाई के अन्य अधिकारियों ने कथित तौर पर पहले भी यह आरोप लगाया है कि उन्हें पूर्व सेना प्रमुख और अब केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के ‘करीबी’ होने की वजह से नुकसान उठाना पड़ा।

सेना के इन दोनों अफसरों ने आर्म्‍ड फोर्स ट्रिब्‍यूनल का अलग-अलग दरवाजा खटखटाया था। लेकिन, उनकी याचिकाएं खारिज कर दी गईं। इसके बाद वे देश की सर्वोच्‍च न्‍यायालय की शरण में पहुंचे।

साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.