मोदी की मीटिंग में नहीं बैठीं ममता, BJP बोली- यह संवैधानिक मर्यादाओं की हत्या

मोदी की मीटिंग में नहीं बैठीं ममता, BJP बोली- यह संवैधानिक मर्यादाओं की हत्या
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

नई दिल्ली
चक्रवाती तूफान यास से पश्चिम बंगाल में हुए नुकसान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के देरी से पहुंचने और कुछ ही देर में मीटिंग छोड़कर जाने पर बीजेपी भड़क गई है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे संवैधानिक मर्यादाओं की हत्या करार दिया है। वहीं, कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी इसे लेकर ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने तो ममता पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जनकल्याण से ऊपर अपने अहं को रखा है। वहीं राजनाथ सिंह ने इसे स्तब्ध करने वाला बताया है।

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘ममता दीदी का आज का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है। यास तूफान ने कई आम नागरिकों को प्रभावित किया है और यह समय की मांग है कि उन प्रभावितों की मदद की जाए। दुर्भाग्य से दीदी ने लोगों के कल्याण के ऊपर खुद के अहंकार का रखा और आज का उनका क्षुद्र व्यवहार यही दिखाता है।’

नड्डा ने ममता के व्यवहार को बताया संवैधानिक मर्यादाओं की हत्या
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तो ममता बनर्जी के व्यवहार को संवैधानिक मर्यादाओं और संघवाद की संस्कृति की हत्या बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि चक्रवात ‘यास’से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नदारद रहीं और ऐसा करके उन्होंने ‘संवैधानिक मर्यादाओं और सहकारी संघवाद की हत्या’ की है।

नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सहकारी संघवाद के सिद्धांतों को ‘बहुत पवित्र’ मानते हुए उसका पालन करते हैं और लोगों को राहत देने के लिए दलगत भावना को पीछे छोड़ सभी मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर सक्रियता से काम कर रहे हैं लेकिन अप्रत्याशित तरीके से ममता बनर्जी की नीति एवं क्षुद्र राजनीति ने एक बार फिर बंगाल के लोगों को परेशान किया है।

राजनाथ ने लिखा- सीएम और पीएम व्यक्ति नहीं संस्था हैं
इसी तरह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर ममता बनर्जी के व्यवहार को स्तब्ध करने वाला बताया। उन्होंने लिखा, ‘पश्चिम बंगाल का आज का घटनाक्रम स्तब्ध करने वाला है। मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री व्यक्ति नहीं संस्था है। दोनों जन सेवा का संकल्प और संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेकर दायित्व ग्रहण करते हैं।’ एक और ट्वीट में रक्षा मंत्री ने कहा, ‘आपदा काल में बंगाल की जनता को सहायता देने के भाव से आए हुए प्रधानमंत्री के साथ इस प्रकार का व्यवहार पीड़ादायक है। जन सेवा के संकल्प व संवैधानिक कर्तव्य से ऊपर राजनैतिक मतभेदों को रखने का यह एक दुर्भाग्यपूर्ण उदहारण है, जो भारतीय संघीय व्यवस्था की मूल भावना को भी आहत करने वाला है।’

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तूफान यास से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए शुक्रवार को पश्चिमी मेदिनीपुर के कलाईकुंडा में समीक्षा बैठक की। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और चीफ सेक्रटरी समीक्षा बैठक में 30 मिनट देर से पहुंचे जबकि वे उसी परिसर में थे। बैठक में आने के बाद ममता बनर्जी ने चक्रवात के असर से जुड़े दस्‍तावेज सौंप दिए और यह कहते हुए बैठक से चली गईं कि उन्‍हें दूसरी मीटिंगों में हिस्‍सा लेना है।

साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.