सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे ट्राइब्यूनल में तुरंत जूडिशल मेंबर की नियुक्ति का आदेश दिया
ट्राइब्यूनल में नियुक्ति में होने वाली देरी पर ने चिंता जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमिटी के अप्रूवल के मुताबिक रेलवे क्लेम ट्राइब्यूनल में तुरंत चार जूडिशल मेंबर की नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरा करें। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि इस अर्जी के फैसले पर सदस्यों के कार्यकाल निर्भर करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में रेलवे क्लेम ट्राइब्यूनल बार असोसिएशन जयपुर, की ओर से अर्जी दाखिल की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने 27 अप्रैल 2020 को कहा था कि 17 सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया 15 दिन में पूरी कर ली जाएगी। 15 जून 2020 को टेक्निकल मेंबर की नियुक्ति कर दी गई थी। लेकिन जूडिशल मेंबर की नियुक्ति नहीं हो पाई थी। इस मामले की सुनवाई जब 3 दिसंबर 2020 को हुई तब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि जूडिशल मेंबरों की नियुक्ति जल्दी ही की जएगी।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट निखिल नायर ने कहा कि 21 अक्टूबर 2020 को कैबिनेट ने जूडिशल मेंबर की नियुक्ति के लिए अप्रूवल दे दिया था। उन्होंने दलील दी कि जब जूडिशल मेंबरों की नियुक्ति के लिए जब अप्रूवल हो चुका है तो फिर नियुक्ति में देरी का कोई मतलब नहीं रह जाता है। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजमेंट में कहा था कि कार्यकाल पांच साल का होगा लेकिन केंद्र सरकार के 4 अप्रैल 2021 के ऑर्डिनेंस में कार्यकाल चार साल का कर दिया गया था। तब सुप्रीम को्ट ने कहा कि चार जूडिशल मेंबरों नियुक्ति कैबिनेट कमिटी के अप्रूवल के हिसाब से किया जाए और कार्यकाल इस अर्जी पर होने वाले फैसले पर निर्भर करेगा।
साभार : नवभारत टाइम्स