सीज किए गए ऑक्सिजन सिलिंडर और कोरोना की दवाइयों को तुरंत रिलीज करने का हो सुप्रीम निर्देश
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा गयया है कि ऑक्सीजन सिलिंडर, रेमडेसिविर और इस तरह की अन्य चीजें जो कोरोना के इलाज में इस्तेमाल हो रहा है उसे पुलिस द्वारा कई जो सीज किया गया है वह पुलिस की निगरानी में रखा हुआ है उसे रिलीज करने का आदेश पारित किया जाए ताकि देश भर के कोरोना मरीज के इलाज में उसका इस्तेमाल हो सके।
सीज किए गए सामानों की हो वीडियोग्राफीयाचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट्स और एक वकील की ओर से दाखिल अर्जी मं कहा गया है कि ऐसे सीज किए गए सामानों का विडियोग्राफी किया जाए और मौजूदा स्थिति को देखते हुए उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत रिलीज किया जाना चाहिए। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि वह निर्देश जारी करे कि ऑक्सीजन सिलिंडर और दवाइयों को रिलीज करे और भविष्य में इनका इस्तेमाल कोविड मरीज के इलाज के लिए सुनिश्चित हो सके।
जब्त की सामग्री तुरंत हो रिलीज- याचिकाकर्तायाचिकाकर्ताओं ने कहा है कि देश भर में ऑक्सीजन सिलिंडर और दवाइयों की कमी है और इन सामानों व दवाइयों का ब्लैक मार्केटिंग किया जा रहा है। ये तमाम उपकरण व दवाइयां जीवन रक्षक सामग्री है। ऐसे में इस तरह की चीजों को रिलीज किया जाना जरूरी है। इसके लिए तमाम राज्यों को निर्देश जारी किया जाना चाहिए।
मालखाने में ही रखी रह जाएंगी आवश्यक सामग्री- याचिकाकर्तायाचिका में ये भी कहा गया है कि पूरे देश में दवाइयों और ऑक्सिजन सिलिंडर की जरूरत है और सीआरपीसी के प्रावधानों के तहत उसे रिलीज करने में वक्त लग सकता है। क्योंकि पुलिस ऑफिसर मैजिस्ट्रेट के कोर्ट में इसके लिए अर्जी दाखिल करते हैं और इन कामों में वक्त लगेगा और कोविड के इलाज से संबंधित चीजें मालखाने में रखी रह जाएगी। याचिकाकर्ता ने कहा कि राइट टू लाइफ में उचित मेडिकल सुविधाएं और हेल्थ शामिल है।
लोगों का जीवन बचाना जरूरीसुप्रीम कोर्ट ने परमानंद कटारा केस में कहा था कि मेडिकल ट्रीटमेंट का अधिकार सभी को मिला हुआ है और इसके लिए औपचारिकताओं की जरूरत नहीं है। याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट के फैसले का हवाला दिया गया है जिसमें जरूरी उपकरण को रिलीज करने का आदेश हुआ है। याची ने कहा है कि ऑक्सिजन सिलिंडर से लेकर अन्य दवाइयों को सीज करके रखना सीआरपीसी के मकसद को पूरा नहीं करता है क्योंकि इन चीजों को रिलीज कर लोगों के जीवन को बचाना जरूरी है।
साभार : नवभारत टाइम्स