पहली खुराक के कितने समय बाद तक लग जानी चाह‍िए वैक्‍सीन की दूसरी डोज? विशेषज्ञों का यह है जवाब

पहली खुराक के कितने समय बाद तक लग जानी चाह‍िए वैक्‍सीन की दूसरी डोज? विशेषज्ञों का यह है जवाब
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

नई दिल्लीकोरोना वैक्‍सीन की पहली डोज लगने के बाद दूसरी डोज कितनी जल्‍दी लगवा लेने पर फायदा है? इस सवाल का जवाब हर कोई तलाशने में जुटा है। खासतौर से तब जब भारत में बढ़ाई गई है। पहले इसमें चार से छह हफ्तों का अंतर था। फिर इसे बढ़ाकर छह से आठ या 12 हफ्ते किया गया। वहीं, ब्रिटेन में इस अंतराल को कम किया गया है। ऐसे में आम आदमी का उलझन में आना लाजिमी है। लेकिन, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि चिंता की कोई खास जरूरत नहीं है। पहली खुराक के छह महीने के भीतर दूसरी खुराक प्रभावी रूप से फायदेमंद है।

() की सिफारिश पर सरकार ने पिछले हफ्ते एंटी-कोविड-19 वैक्‍सीन कोविशील्ड की दो डोज के बीच अंतराल को बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते कर दिया था। पहले यह अवधि आठ हफ्ते थी। इसके एक दिन बाद ब्रिटेन ने अपने यहां भारतीय मूल के बी.1.617 वैरिएंट के प्रसार के मद्देनजर अपने यहां इस अंतराल को 12 हफ्तों से घटाकर आठ हफ्ते कर दिया था।

क्‍या होनी चाहिए अवधि?
भारत में वैक्‍सीन की सप्‍लाई कम है। कई राज्यों की ओर से इनकी गंभीर कमी होने की बात कही गई है। वहीं, वैक्‍सीन की दो डोज के बीच अंतराल बढ़ाया गया है। इसे लेकर चिंता है। दोनों खुराकों के बीच अवधि बढ़ाए जाने की चिंता का जवाब देते हुए प्रतिरक्षाविज्ञानी सत्यजीत रथ ने कहा कि टीके का लगाया जाना ‘काफी फ्लेक्सिबल’ है।

पहली खुराक के बाद एक बार चार हफ्ते की अवधि पूरी होने पर छह महीनों तक अगली डोज कभी भी दी जा सकती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, टीके की खुराक सुरक्षित हैं। इससे फर्क नहीं पड़ता कि वे कब दी गईं। अलबत्ता, उनका तब ज्यादा ‘असर’ नहीं होगा अगर वे पहली खुराक लेने के एक महीने के अंदर दी जाती हैं।

नई दिल्ली स्थिति राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान (एनआईआई) के रथ ने बताया, ‘इसलिए वैक्‍सीन की डोज कोविड-19 से उबरने या पहली खुराक लेने के कम से कम एक महीने बाद कभी भी ली जा सकती है।’

कब मिलते हैं अच्‍छे नतीजे?
उन्होंने बताया, ‘टीके की खुराक पहली खुराक लेने के छह महीने के अंदर किसी भी समय दिए जाने पर अच्छा प्रभाव देते हैं। इसलिए दूसरी खुराक या कोविड-19 से उबरने के बाद पहली खुराक चार हफ्ते से पहले नहीं ली जानी चाहिए।’

रथ ने कहा कि एनटीएजीआई ये सिफारिशें साक्ष्यों के आधार पर कर रहा है। वह व्यावहारिक कदमों में मदद देने की कोशिश कर रहा है।

ब्रिटेन के फैसले पर क्‍या है कहना?
भारत के कोविशील्ड की खुराक के बीच अंतर बढ़ाए जाने के समय ही ब्रिटेन के इस अंतराल को घटाए जाने पर प्रतिरक्षा विज्ञानी विनीता बल ने जवाब दिया। उन्‍होंने कहा कि ये फैसले जमीनी हकीकत के आधार पर लिए गए हैं। इसका हां या न में कोई जवाब नहीं होता कि इससे नए स्वरूप को बेहतर तरीके से संभालने पर कोई असर होगा या नहीं।

एक देश में टीके की खुराक के बीच अंतर बढ़ने से ज्यादा लोगों को टीका लग सकेगा। जबकि दूसरे देश में अंतराल कम होने से टीकाकरण की गति बढ़ेगी।

पुणे के भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान में अतिथि शिक्षक बल ने बताया, ‘यदि पर्याप्त खुराक उपलब्ध हैं तो दूसरी खुराक उपयुक्त समय पर दी जानी चाहिए। कारण है कि यह मौजूदा परिस्थितियों में सर्वोत्तम संभव प्रतिरक्षा प्रदान करेगी।’

उन्होंने कहा कि एक टीके से मिलने वाली प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया समय के साथ घटना शुरू हो जाएगी। हालांकि, 12 से 16 हफ्तों में इसके पूरी तरह निम्मतम स्तर पर पहुंचने की संभावना नहीं है। बल ने कहा, ‘इसलिए दूसरी खुराक अब भी 12 से 16 हफ्तों के अंतराल पर प्राप्त की जा सकती है।’

साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.