कोरोना मरीजों को क्यों नहीं मिल पा रहा इलाज और दवा, डॉ. गुलेरिया ने बताई वजह

कोरोना मरीजों को क्यों नहीं मिल पा रहा इलाज और दवा, डॉ. गुलेरिया ने बताई वजह
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नई दिल्ली
देश में कोरोना रोगियों की संख्या बढ़ रही है और उनमें से अधिकतर लोगों को बेड हासिल नहीं हो पा रहा है। इस बारे में एम्स दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जो भी कोविड पॉजिटिव आता है उसमें ये पैनिक हो जाता है कि कहीं मुझे बाद में ऑक्सीजन और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत न पड़े इसलिए मैं अभी भर्ती हो जाता हूं। इससे अस्पतालों के बाहर बहुत भीड़ हो जाती है और वास्तविक मरीज़ों को इलाज नहीं मिल पाता है।

पैनिक में लोग दवाइयां करते हैं स्टोर
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि इस पैनिक के कारण लोग घर पर दवाईयां स्टोर करने लगते हैं। इससे बाज़ार में जरूरी दवाईयों की बेवजह कमी हो रही है। कई लोग सोचते हैं कि कोरोना है तो मैं पहले दिन ही सारी दवाई शुरू कर लेता हूं, इससे साइड इफैक्ट ज़्यादा होते हैं।

कोविड के इलाज में ऑक्सिजन है महत्वपूर्ण
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि लोग पहले ही ऑक्सिजन सिलेंडर घर पर रख लेते हैं। लोगों को लगता है कि यदि मैं पहले ही अपने घर पर इसे रख लूंगा तो शायद आगे जरूरत पड़े तो परेशानी नहीं होगी। ये सब गलत धारणाए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के इलाज की दिशा में ऑक्सिजन एक महत्वपूर्ण रणनीति है लेकिन इसका दुरुपयोग भी देखने में आ रहा है। अगर ऑक्सिजन सैचुरेशन की बात करें जिसे ऑक्सिमीटर के जरिये आज सब लोग देख रहे हैं। यदि यह 90 से 100 के बीच तो इससे हमें घबराना नहीं चाहिए।

कोई लक्षण हो तो खुद को घर में आइसोलेट करें
एम्स डायरेक्टर ने कहा कि अगर आपको कोविड के कोई भी लक्षण हों तो आप खुद को घर में आइसोलेट करें, रिपोर्ट आने का इंतजार न करें। कई बार RT-PCR टेस्ट नेगेटिव भी आ सकता है क्योंकि उसकी संवेदनशीलता 100% नहीं है। उस स्थिति में भी मानकर चलना चाहिए कि आपको कोरोना पॉजिटिव है और उसका इलाज करना चाहिए।

कोरोना के 82 परसेंट मामले हुए ठीक
इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि इस समय देश में 82% कोरोना के मामले ठीक हो गए हैं। करीब 16.25% मामले यानी कि 28,13,658 मामले अभी भी सक्रिय मामलों की दृष्टि में है। जिसकी निगरानी की जा रही है। अग्रवाल ने कहा कि कुछ राज्य है जहां सक्रिय मामलों की संख्या ज्यादा बनी हुई है। जिसमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और तमिलनाडु राज्य शामिल है।

मेडिकल ऑक्सिजन उत्पादन बढ़ा है
गृह मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी ने कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन ज्यादा बढ़ा है। हमारी ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता 7,259 मीट्रीक टन है और 24 अप्रैल को 9,103 मीट्रीक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हुआ है।

1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन
देश में कोरोना से मुकाबले के लिए कोरोना वैक्सीनेशन अभियान पूरे जोरशोर से चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने 60 साल से ऊपर और 45 साल से अधिक उम्र वालों के बाद अब 1 मई से 18साल से अधिक उम्र वालों के लिए भी वैक्सीनेशन की अनुमति दे दी है। इस समय पूरे देश में अब तक 14,19,00,000 कोरोना की डोज लग चुकी है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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