देश में कोरोना मरीजों ने तोड़ा वर्ड रेकॉर्ड, समाने आए 3.15 लाख से ज्यादा नए केस

देश में कोरोना मरीजों ने तोड़ा वर्ड रेकॉर्ड, समाने आए 3.15 लाख से ज्यादा नए केस
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नई दिल्ली
वायरस बेड्स, दवा और ऑक्सीजन की कमी के बीच हाहाकार मचा रहा है। कोरोना वायरस () की दूसरी लहर में देश में पहली बार 3 लाख के पार केस आए हैं। बुधवार को देश में आए कोरोना मरीजों की संख्या ने विश्व के सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले 24 घंटों में कुल 3,15,478 मामले सामने आए हैं। इस बार आई कोरोना मरीजों की संख्या वर्ल्ड रेकॉर्ड है। इससे पहले अमेरिका में 8 जनवरी को 3,07,581 केस सामने आए थे।

महाराष्ट्र के नासिक जिले में 6,257 नए मामले सामने आने से संक्रमण के मामले बढ़कर 2,81,877 हो गए वहीं 90 मरीजों की मौत हो गई। पंजाब में 4,970 नए मामले सामने आए और संक्रमण के मामले बढ़कर 3,14,269 हो गए ,वहीं संक्रमण से 69 मरीजों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 8,114 हो गई। महाराष्ट्र सरकार ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए बुधवार को कई नयी पाबंदियां लगाने की घोषणा की है। जिसमें शहरों के बीच और एक जिले से दूसरे जिले में यात्रा पर रोक रहेगी।

इस बीच, महाराष्ट्र समेत कई राज्य मेडिकल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। महाराष्ट्र में ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक में रिसाव के कारण दम घुटने से वेंटिलेटर पर मौजूद 24 रोगियों की मौत हो गई। वहीं, उत्तर प्रदेश और असम के बाद मध्य प्रदेश, बिहार और छतीसगढ़ ने भी 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को नि:शुल्क टीके लगाने की घोषणा की है। इसके अलावा अधिकारियों ने आंकड़े पेश किये हैं, जिनमें कहा गया है कि टीकों से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। साथ ही मौत और गंभीर संक्रमण से बचा जा सकता है।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में राज्यों, अस्पतालों और कई नर्सिंग होम से अपील की कि ऑक्सीजन का समुचित उपयोग सुनिश्चित करें क्योंकि यह कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों के लिए ‘जीवन रक्षक’ है।

केन्द्र ने कहा कि देश में 7,500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है और 6,600 मीट्रिक टन ऑक्सीजन राज्यों को आवंटित किया जा रहा है। केन्द्र ने केन्द्र शासित प्रदेशों और राज्य सरकारों से महामारी द्वारा पेश की गईं चुनौतियों से निपटने के लिये साथ मिलकर काम करने के लिये कहा। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और महारष्ट्र के बीच ऑक्सीजन के वितरण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिल रहा है। ये सभी राज्य अपने कोटे की ऑक्सीजन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

दिल्ली में बुधवार को सर गंगाराम अस्पताल, सेंट स्टीफन अस्पताल, होली फैमिली अस्पताल जैसे कई अस्पतालों ने कहा कि उनके पास दो से पांच घंटे तक की ही ऑक्सीजन बची है। अन्य अस्पातल भी कुछ दिनों से स्टॉक की कमी से जूझ रहे हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को घोषणा की कि केंद्र ने दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा बढ़ा दिया है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘केंद्र सरकार ने दिल्ली का ऑक्सीजन का कोटा बढ़ा दिया है। हम इसके लिए केंद्र के बहुत आभारी हैं।’’

वहीं, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार के एक अधिकारी ने फरीदाबाद के एक संयंत्र से दिल्ली के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति रोक दी। हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने बुधवार को आरोप लगाया कि अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों के लिये ऑक्सीजन लेकर पानीपत से फरीदाबाद जा रहे एक टैंकर को दिल्ली सरकार द्वारा “लूट लिया गया” और कहा कि सभी ऑक्सीजन टैंकरों का आवागमन अब पुलिस सुरक्षा में होगा।

विज ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के कारण ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है, ऐसे में हरियाणा दूसरों को आपूर्ति तभी कर सकता है जब उसकी अपनी मांग पूरी हो जाए। महाराष्ट्र के नासिक में कोविड-19 रोगियों के एक अस्पताल में बुधवार को भंडारण संयंत्र से ऑक्सीजन के रिसाव के बाद इस गैस की आपूर्ति बाधित होने से कम से कम 24 कोविड-19 मरीजों की मृत्यु हो गयी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में 150 मरीज भर्ती थे जिनमें से घटना के वक्त 23 वेंटिलेटर पर थे तथा बाकी ऑक्सीजन पर थे।जिलाधिकारी सूरज मांढरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मौजूदा जानकारी के अनुसार जाकिर हुसैन निगम अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने से 22 लोगों की मृत्यु हो गयी। ये रोगी वेंटिलेटर और ऑक्सीजन पर थे। ऑक्सीजन आपूर्ति टैंक में रिसाव के बाद गैस की आपूर्ति बाधित हो गयी।’’

मांढरे ने कहा कि नगर निगम ने तत्काल शहर में दूसरी जगहों से ऑक्सीजन सिलेंडर लाकर लगाये हैं जहां ऑक्सीजन की जरूरत अपेक्षाकृत कम थी। राजस् थान के मुख् यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में ऑक् सीजन व दवाओं की कमी से हो रही मौतों पर चिंता जताते हुए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और उनसे अपील की कि वे बंगाल में चुनावी रैलियां करने बजाय देश में चिकित् सा व् यवस् था को ठीक करने पर ध् यान दें।

गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘भारत ऑक्सीजन, दवाई व टीका का दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक देशों में से है। फिर भी देश में ऑक्सीजन एवं दवाइयों की कमी से मौतें होना दुर्भाग्यपूर्ण है। दुनिया के अन्य देशों में कभी इसके कारण मौतें नहीं हुई हैं।’’ तमिलनाडु सरकार ने बुधवार को कहा कि वह शहर के एक संयंत्र से करीब 45 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन आंध्र प्रदेश और तेलंगाना भेजने के मुद्दे पर केन्द्र सरकरा से बात करेगी।

साथ ही उसने यह भी बताया कि राज्य में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव ने पूछा कि केन्द्र सरकार को श्रीपेरुम्बदूर के निकट आपूर्तिकर्ता द्वारा तैयार की गई ऑक्सीजन को दूसरे स्थानों पर भेजने की आवश्यकता क्यों पड़ी। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान भी राज्य अन्य स्थानों पर भी ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोविड-19 के मरीजों को दी जाने वाली रेमडेसिविर और फैबीफ्लू जैसी जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए एक विशेष टीम गठित कर छापामार कार्रवाई करने के निर्देश दिए। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने टीम-11 की बैठक में रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबीफ्लू जैसी जीवनरक्षक मानी जा रही दवाओं की आपूर्ति की विस्तृत समीक्षा की।

(भाषा से इनपुट)

साभार : नवभारत टाइम्स

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