ऑक्सीजन की जरूरत वाले मरीजों का प्रतिशत पिछले दो दिन में कम हुआ : हर्षवर्धन

ऑक्सीजन की जरूरत वाले मरीजों का प्रतिशत पिछले दो दिन में कम हुआ : हर्षवर्धन
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नई दिल्ली
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना वायरस की स्थिति एक बार फिर गंभीर है लेकिन उम्मीद है कि पूरी सरकार और समस्त समाज के साथ मिलकर काम करने से हम एक बार फिर महामारी की इस लहर से पार पा जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि देश में ऑक्सीजन और सघन चिकित्सा की जरूरत वाले कोविड-19 रोगियों की संख्या का प्रतिशत पिछले दो दिन में कम हुआ है।

मंत्री ने कहा कि दो दिन पहले के आंकड़ों की तुलना में आईसीयू में कोविड-19 के मरीजों की संख्या 1.93 फीसदी से घटकर 1.75 फीसदी रह गई है, वेंटिलेटर पर रखे गए मरीजों की संख्या 0.43 फीसदी से घटकर 0.40 फीसदी हो गई है और ऐसे मरीज जिन्हें ऑक्सीजन लगाने की जरूरत है उनकी संख्या 4.29 फीसदी से घटकर 4.03 फीसदी हो गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के वक्तव्य के मुताबिक हर्षवर्धन ने कहा कि ये आंकड़े इस तथ्य को नकार नहीं सकते कि आम जनता में बेड की उपलब्धता को लेकर व्याकुलता है। स्वास्थ्य मंत्री ने दस एम्स अस्पतालों, पीजीआईएमईआर-चंडीगढ़ और जेआईपीएमईआर-पुडुचेरी के निदेशकों की बैठक की अध्यक्षता की। बयान के अनुसार, ‘‘हम टीकाकरण के मामले में दुनिया में सबसे तेज हैं। 1.8 प्रतिशत की मृत्यु दर दुनिया में सबसे कम है और लगातार कम हो रही है।’’

हर्षवर्धन ने निदेशकों से अनुरोध किया कि जिन्हें अस्पतालों में देखभाल की जरूरत है उन्हें ये सुविधाएं दी जाएं और जिन्हें ऑक्सीजन या वेंटिलेटरों की जरूरत है, उन्हें वे मुहैया कराये जाएं। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘गुणवत्ता परक स्वास्थ्य सुविधाएं देने के नाते से एम्स की विशेष जिम्मेदारी है। आपको सुनिश्चित करना होगा कि अस्पतालों में सभी सुविधाएं संचालित हों।’’

हर्षवर्धन ने आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित नेक्स्ट जेन हेल्थ समिट ‘री-इमेजिन हेल्थकेयर’ में मंगलवार को पहले से रिकॉर्ड वीडियो संदेश के माध्यम से कहा कि कोरोना वायरस की स्थिति एक बार फिर गंभीर है लेकिन उम्मीद है कि पूरी सरकार और समस्त समाज के साथ मिलकर काम करने से हम एक बार फिर महामारी की इस लहर से पार पा जाएंगे।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार मंत्री ने कहा कि कोविड-19 ने पूरी दुनिया में स्वास्थ्य प्रणाली में अनेक खामियों को उजागर किया है लेकिन इससे सार्वजनिक नीति निर्माण की प्रक्रिया के केंद्र में स्वास्थ्य विषय आया है। उन्होंने कहा कि इस समय देश में आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत 75 हजार से अधिक आयुष्मान भारत- स्वास्थ्य और वैलनेस केंद्र चल रहे हैं और 2022 के अंत तक इस संख्या को दोगुना करने का विचार है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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