दूसरे देशों को कोरोना वैक्सीन सप्लाई पर बोले जयशंकर – पूरी दुनिया हमारा परिवार
एक ओर राज्य का स्टॉक खत्म होने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार दूसरे देशों को वैक्सीन सप्लाई कर रही है। दूसरों देशों को वैक्सीन सप्लाई किए जाने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम पूरी दुनिया को एक परिवार मानते हैं। उन्होंने स्वास्थ्य सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा करार देते हुए मंगलवार को कहा कि पूरे विश्व में कोरोना वायरस रोधी टीके तक सभी लोगों की समान रूप से पहुंच पहुंच होना महत्वपूर्ण है, क्योंकि जब तक सभी लोग सुरक्षित नहीं होंगे तब तक कोई सुरक्षित नहीं होगा। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत जैसे देशों में इसका उत्पादन बढ़ाकर टीके तक लोगों की पहुंच सुनिश्चित की जा सकती है ।
रायसीना वार्ता के उद्घाटन सत्र को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत का ‘टीका मैत्री’ अभियान यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि इसमें कोई पीछे न छूट जाए। उन्होंने कहा कि इसमें कोई अस्वाभाविक बात नहीं है कि दुनिया के देशों में अपनी जरूरतों पर ध्यान देने की प्रवृति है। उन्होंने कहा कि छोटे देशों को पेश आ रही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए व्यापक रुख अपनाने की जरूरत है।
जयशंकर ने कहा कि ‘टीका मैत्री’ भारत के वसुधैव कुटुंबकम् के सिद्धांत को प्रदर्शित करता है। विदेश मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा अब राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा बन गया है। महामारी के संकट से निपटने के लिये वैश्चिक रूख के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि टीके तक समान रूप से पहुंच इसके लिये काफी महत्वपूर्ण है । क्योंकि हम सभी जानते हैं कि जब तक सभी लोग सुरक्षित नहीं होंगे तब तक कोई सुरक्षित नहीं है।’
विदेश मंत्री ने महामारी से निपटने के तौर तरीकों का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी ताकत चिकित्सा क्षेत्र है और इस क्षेत्र ने अफ्रीकी महादेश से लेकर विभिन्न देशों को महमारी से निपटने में काफी मदद की है। हमारे मामले में हमारे टीका उत्पादकों के अनुबंध से जुड़ी कुछ प्रतिबद्धाएं हैं, उनकी कोवैक्स को लेकर प्रतिबद्धताएं हैं। गौरतलब है कि कोवैक्स दुनिया के देशों को टीका उपलब्ध कराने के लिये के मकसद से बनाया गया एक गठबंधन है।
जयशंकर ने छोटे देशों को महामारी से निपटने में पेश आ ही चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि उनके पास इस विषय में बाजार तक पहुंच नहीं है और ऐसे में भारत जैसे देश महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि भारत के उदय का एक पक्ष वास्तव में यह भी है कि हमारी क्षमताओं को प्रदर्शित किया जाए। मैं समझता हूं कि इन अतिरिक्त क्षमताओं से दुनिया की बेहतर सेवा हो सकेगी। क्षमताएं ऐसे देशों के हाथ में हों जो अंतरराष्ट्रीय सहयोग में विश्वास करते हैं।’
साभार : नवभारत टाइम्स