बंगाल में चुनाव प्रचार के शोर में सिलीगुड़ी के रेड लाइट एरिया का हाल, पढ़िए रिपोर्ट

बंगाल में चुनाव प्रचार के शोर में सिलीगुड़ी के रेड लाइट एरिया का हाल, पढ़िए रिपोर्ट
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

हिमांशु तिवारी/विश्व गौरव, सिलीगुड़ी
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव () के बीच हर तस्वीर के जरिए हकीकत को समझना जरूरी है। रायगंज से तकरीबन 172 किलोमीटर दूर सिलीगुड़ी (Siliguri Latest News) का सफर तकरीबन 5 घंटे में तय में हुआ। सिलीगुड़ी पहुंचने के बाद एक होटेल के रिसेप्शन में जब हम पहुंचे तो रिसेप्शनिस्ट से यहां के बारे में जानने की कोशिश की। ट्रैफिक जाम, पीने के पानी की किल्लत के बीच सिलीगुड़ी के रहने वाले शख्स ने रंडीपाड़ा का जिक्र किया। रंडीपाड़ा मतलब वह जगह जहां वेश्याएं रहती हैं। शख्स ने बताया कि किस तरह से रात में यह व्यापार कोरोना के बीच, पुलिस की निगरानी में फलता-फूलता है।

2016 में सिलीगुड़ी से सीपीएम के झंडे तले जीत दर्ज करने वाले विधायक अशोक भट्टाचार्य कहते हैं, ‘रंडीपाड़ा के बारे में हमने सरकार को बहुत कुछ बताया-बहुत कुछ लिखा लेकिन विरोधी समझकर हमारी बात ही नहीं सुनी गई। विरोधी समझकर इन लोगों ने विकास कार्यों के लिए धनराशि भी नहीं दी।’

सिलीगुड़ी का रेड लाइट एरिया
रात तकरीबन साढ़े 11 बजे हम सिलीगुड़ी को जानने निकले। बंगाल विधानसभा चुनाव के बीच हमें कहीं पर भी पेट्रोलिंग करती हुई पुलिस नहीं नजर आई। कहीं पर कोई नशे में डूबा हुआ है तो कुछ लोग कचरा बीनने निकले थे। कुछ मिनटों के सफर के साथ हम रंडीपाड़ा पहुंचे। जहां लाल और हरे रंग के दो झंडों के नजदीक तीन महिलाएं खड़ी थीं। हम रुके तो उनमें से एक गाड़ी के करीब आई। महिला ने कहा, ‘500 रुपये दो और बाड़ी (कमरे) में आ जाओ। बेवजह यहां मत खड़े हो वरना कुछ देर में पुलिस आ जाएगी तो 10 से 15 हजार रुपये ले लेगी।’

…तो कुछ दूर खड़ी मिली पुलिस
हम यह देखकर हैरान थे कि पूरे शहर में कहीं पर भी पुलिस पेट्रोलिंग करती नहीं नजर आई लेकिन ये महिलाएं किस तरह से इस बात का दावा कर रही हैं कि कुछ देर में पुलिस यहां पर आ जाएगी। हमने इन महिलाओं से चुनावी माहौल पर भी बात करने की कोशिश की लेकिन उनमें से एक ने जवाब दिया, ‘धंधे का वक्त है टाइम बर्बाद मत करो।’ ये महिलाएं राजनीति पर कोई बात नहीं करना चाहती हैं। इसके पीछे की वजह इन्हें मिली सरकार से मिली बदहाली है। हम जैसे ही गाड़ी से आगे बढ़े तो एक महिला ने कहा, ‘300 रुपये में चलना है तो चलो।’ कान के नजदीक से यह आवाज गुजरी और हम गाड़ी से आगे बढ़ चुके थे। कुछ दूरी पर पहुंचे तो देखा कि पुलिस की एक गाड़ी के पीछे एक पुलिसकर्मी खड़ा है।

साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.