जब तक बड़ा कानूनी सवाल न हो, अपीलीय कोर्ट के फैसले में हाईकोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
ने कहा है कि जब तक कि कोई बड़ा कानूनी सवाल न हो तब तक हाई कोर्ट को सीपीसी के तहत अपने अधिकार का इस्तेमाल कर पहला अपीलीय कोर्ट के फैसले में दखल नहीं देना चाहिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पहला अपीलीय कोर्ट तथ्यों के आंकलन के मामले में आखिरी कोर्ट की तरह है।
सुप्रीम कोर्ट का कमेंटसुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि सीपीसी की धारा-100 के तहत अपीलीय कोर्ट के फैसले में हाई कोर्ट को दखल तब तक नहीं देना चाहिए जब तक कि कोई बड़ा कानूनी सवाल न हो। ट्रायल कोर्ट ने बंटवारे के केस में फैसला दिया था और पहला अपीलीय कोर्ट ने एक संपत्ति को छोड़कर डिक्री बनाए रखा था। हाई कोर्ट ने पहला अपीलीय कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया था। फिर मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया था।
हाईकोर्ट की गलती ठहराईसुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में कहा है कि पहला अपीलीय कोर्ट का जहां तक सवाल है तो वह कोर्ट तथ्यों और साक्ष्यों के मामले में अंतिम कोर्ट ही है। पहले भी सुप्रीम कोर्ट कई बार कह चुका है कि पहले अपीलीय कोर्ट में हाई कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए। हाई कोर्ट को सीपीसी की धारा-100 के तहत अपने अधिकार का इस्तेमाल तब करना चाहिए जब मामला कानूनी सवाल को लेकर हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने इस मामले मेंं गलती की है।
साभार : नवभारत टाइम्स