बेनेट यूनिवर्सिटी के इंटरनैशनल कॉन्फ्रेंस में बोले मंत्री रवि शंकर प्रसाद, अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता का वैश्विक केंद्र बन सकता है भारत
ग्लोबल हब बनने के लिए भारत के पास सभी चाबियां हैं। दुनिया की अर्थव्यवस्था, सप्लाई चेन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में उसका खास रोल है। ‘कानूनी शिक्षा के वैश्वीकरण’ पर की ऑनलाइन इंटरनैशनल कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा, सही कदमों के साथ भारत अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता का वैश्विक केंद्र बन सकता है। हमने कानून भी समय समय पर बदले हैं। इन सभी कदमों की बदौलत भारत बढ़िया मध्यस्थता परितंत्र चला सकता है। कोविड की चुनौतियों पर उन्होंने कहा, जब हम दुनिया में सीमाओं को हटाने की बात कर रहे हैं, उसी दौरान हमारे बीच कोरोना आ गया है और दूसरी वेव भी इंतजार कर रही है। ये चुनौतियां हैं। हालांकि, कोविड 19 के साथ ही टेक्नलॉजी की पावर सामने आती है, जिसने देश को चलने दिया है। डिजिटल इंडिया प्रोग्राम ने देश को एक करने का रोडमैप तैयार किया है।
क्वालिटी लीगल एजुकेशन के लिए प्रैक्टिकल ट्रेनिंग जरूरीशनिवार को टाइम्स ग्रुप की बेनेट यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा के स्कूल ऑफ लॉ की इस ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद बतौर चीफ गेस्ट पहुंचे। प्रसाद ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, फाइनेंस जैसे नए एरिया से कानूनी शिक्षा को जोड़ने पर जोर दिया और कहा कि क्वालिटी लीगल एजुकेशन के लिए गहन प्रैक्टिकल ट्रेनिंग की भी जरूरत है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर मंत्री ने कहा, NEP भारत को ग्लोबल एजुकेशन सिस्टम की ओर ले जाती है। उन्होंने कहा कि फॉरेन यूनिवर्सिटी के भारत आने से क्वालिटी एजुकेशन, अच्छे कैंपस, भारतीय परिप्रेक्ष्य में आंत्रप्रिन्योरशिप से जड़े प्रोजेक्ट भी देश में आ सकेंगे।
अहम चुनौती है डेटाकानूनी शिक्षा के कई वैश्विक पहलुओं पर केंद्रीय मंत्री ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा, डिजिटल अर्थव्यवस्था में डिजिटल चुनौतियों भी है। अहम चुनौती है डेटा। इसके लिए एक मजबूत डेटा प्रोटेक्शन लॉ होना चाहिए, जो सभी की प्राइवेसी का सम्मान करे और सहमति भी हो। सूचना, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार प्रौद्यौगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा, डेटा इकनॉमी में नौकरियों पैदा करने, इनोवेशन और अवसर देने की क्षमता है मगर साथ ही कानूनी चुनौतियां भी हैं।
सोशल मीडिया गाइडलाइंसकेंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया गाइडलाइंस को लेकर कहा, भारत में फेसबुक और वट्सऐप का सबसे बड़ा ऑपरेशन है और ट्वीटर में यह तीसरे नंबर पर है। इसने टेक सैवी भारतीयों को मजबूत किया है। मगर इन प्लैटफॉर्म का गलत इस्तेमाल भी मुद्दा है। सोशल मीडिया गाइडलाइंस में पीड़ित लोगों की शिकायतों के तय वक्त में हल के लिए एक सही फोरम होना चाहिए। साथ ही, इसे भारतीय कानून और संवैधानिक मूल्यों का भी सम्मान करना होगा। प्रसाद ने यह भी कहा कि ट्विटर वॉशिंगटन के कैपिटल हिल में पुलिस एक्शन की सराहना करता है, तो लोकतंत्र के प्रतीक लाल किले में हुए हमलावरों के साथ कैसे खड़ा हो जाया जा सकता है! यह मंजूर नहीं किया जा सकता। अगर अमेरिका का लोकतंत्र महत्वपूर्ण है, तो भारत का का लोकतंत्र भी महत्वपूर्ण है।
AI का न्याय प्रक्रिया में बड़ा रोलआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर उन्होंने कहा, AI का न्याय प्रक्रिया में भी बड़ा रोल है। AI ऐप्लिकेशन सिस्टम के इस्तेमाल पर भी विचार किया जा रहा है कि ताकि न्याय देने के लिए डिजिटल सिस्टम को मजबूत किया जा सके। कोविड के दौरान भारत के न्यायालयों में 82 लाख डिजिटल सुनवाई हुई। इसके अलावा डिजिटल डिलिवरी, ई एजुकेशन वगैरह में भी एआई का कहीं ना कहीं सपोर्ट था। मगर एआई इंसानी दिमाग की जगह पूरी तरह से नहीं ले सकती। AI के पास विवेक नहीं है। उन्होंने जोर दिया कि AI का इस्तेमाल आम लोगों को सशक्त करने में होना चाहिए और उसके गलत इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए।
साभार : नवभारत टाइम्स