महाराष्ट्र में संजय राउत पर भारी पड़े अरविंद सावंत, समझें शिवसेना ने क्यों घटाया कद?

महाराष्ट्र में संजय राउत पर भारी पड़े अरविंद सावंत, समझें शिवसेना ने क्यों घटाया कद?
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

मुंबई
शिवसेना (Shivsena) के सांसद और नेता संजय राउत फिलहाल अपने बड़े बड़बोलेपन की वजह से पार्टी आलाकमान के निशाने पर हैं। आलाकमान की नाराजगी इस बात से भी समझी जा सकती है कि अब तक शिवसेना में संजय राऊत का एक अलग रुतबा था और उन्हें पार्टी ने मुख्य प्रवक्ता भी बनाया हुआ था। हालांकि अब उनके समकक्ष शिवसेना के दूसरे सांसद अरविंद सावंत को भी मुख्य प्रवक्ता बनाया गया है। महाराष्ट्र की राजनीति के जानकार इसे संजय राउत का डिमोशन मान रहे हैं।

सियासी गलियारों में यह कहा जा रहा है कि राउत के बड़बोलेपन की वजह से पार्टी को मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा है। राउत के बयानों की वजह से कई बार शिवसेना को बैकफुट पर भी आना पड़ा है। आज हम आपको राउत के कुछ ऐसे ही बयानों से रूबरू करवाएंगे, जिनके चलते शिवसेना की जमकर किरकिरी भी हुई है। फिलहाल हालात ऐसे हैं कि महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल कांग्रेस और एनसीपी उन्हें फूटी आंख भी देखना पसंद नहीं कर रहे हैं।

संजय राउत के कुछ विवादित बयान
1) संजय राउत ने ताजा बयान महाविकास अघाड़ी सरकार (Mahavikas Aghadi Government) के गृह मंत्री अनिल देशमुख को लेकर दिया था। उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र सामना में अनिल देशमुख को ‘एक्सीडेंटल होम मिनिस्टर’ बताया था। जिस पर एनसीपी ने अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की थी।

2) संजय राउत ने शरद पवार को यूपीए का चेयरमैन बनाए जाने का सुझाव देकर भी शिवसेना की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। इस बात पर कांग्रेस (Congress) नेताओं ने मुख्यमंत्री से मिलकर शिकायत नाराजगी जाहिर की थी।

3) संजय राउत ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान भी चुनाव आयोग को लेकर विवादित बयान दिया था। राउत ने तब कहा था कि भाड़ में जाए कानून और आचार संहिता, हम सब देख लेंगे।

4) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर भी विवादित बयान दे चुके हैं राउत। उन्होंने कहा था कि सावरकर को भारत रत्न देने का विरोध करने वालों को उसी जेल में भेज देना चाहिए। जहां सावरकर को अंग्रेजों ने रखा था ताकि उन्हें उनके संघर्षों का एहसास हो सके। राउत के इस बयान के बाद शिवसेना भी डैमेज कंट्रोल की मुद्रा में आ गई थी और तब मंत्री आदित्य ठाकरे को राउत के बयान से किनारा करना पड़ा था।

5) संजय राउत ने इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को लेकर भी आपत्तिजनक बयान दिया था। जिसके बाद कांग्रेस की नाराजगी शिवसेना को उठानी पड़ी थी। राउत ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी अक्सर अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलती थीं । राउत ने यह बयान एक इंटरव्यू के दौरान दिया था। हालांकि बाद में विरोध करने पर उन्होंने बयान वापस ले लिया था।

बयानों के चलते वे सुर्खियों में रहते हैं
संजय राउत (Sanjay Raut) शिवसेना के सांसद और कद्दावर नेता माने जाते हैं। उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे () के करीबियों में से एक माना जाता है। हालांकि अपने बयानों के चलते वे सुर्खियों में रहते हैं तो उनकी पार्टी मुसीबतों में। इस बात से बचने के लिए शिवसेना ने अब पार्टी के दूसरे सांसद अरविंद सावंत को भी मुख्य प्रवक्ता बनाया है।

महिला सांसद नवनीत राणा को धमका बटोरी सुर्खियां
अरविंद सावंत(MP Arvind Sawant) शिवसेना के टिकट पर दक्षिण मुंबई से दूसरी बार सांसद बने हैं। अब पार्टी ने उन्हें मुख्य प्रवक्ता भी बना दिया है। हालांकि इसके पहले भी वह मुख्य प्रवक्ता के पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। आपको बता दें के अरविंद सावंत कुछ दिनों पहले सांसद नवनीत राणा को संसद में कथित रूप से धमकाने के आरोपों के चलते चर्चा में रहे थे

एक मयान में दो तलवारें
अरविंद सावंत और शिवसेना और संजय राऊत दोनों ही शिवसेना के सांसद और अहम नेता माने जाते हैं। अरविंद सावंत इसके पहले मोदी की सरकार में शिवसेना के कोटे से मंत्री भी बनाए गए थे। हालांकि शिवसेना- बीजेपी की तनातनी के दौरान उद्धव ठाकरे के आदेश के बाद उन्होंने तत्काल मंत्री पद भी छोड़ दिया था। वहीं संजय राऊत भी राज्यसभा में शिवसेना के नेता है और अपने मुखर स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। संजय राउत शिवसेना के मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक भी हैं।

शरद पवार को मनाया था
संजय राउत शिवसेना में उद्धव ठाकरे के मुख्य सलाहकारों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) को शिवसेना के साथ हाथ मिलाने के लिए राजी करने में भी अहम भूमिका निभाई थी।

साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.