नोएडा से दिल्ली जाना बुरे सपने की तरह… सुप्रीम कोर्ट का केंद्र और दिल्ली पुलिस को नोटिस
नोएडा की एक महिला ने में अर्जी दाखिल कर कहा है कि नोएडा से दिल्ली जाने में 20 मिनट के बजाय दो घंटे लगते हैं और ये बुरे सपने की तरह है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर केंद्र सरकार और को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है।
नोएडा रेजिडेंट्स ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि सड़क क्लियर रखने को सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि लोगों को आने जाने में परेशानी न हो। सुप्रीम कोर्ट में नोएडा की एक महिला रेजिडेंट्स ने अर्जी दाखिल कर कहा है दिल्ली जाने में नोएडा से दो घंटे लगते हैं जबकि 20 मिनट का रास्ता है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसके कौल की अगुवाई वाली बेंच के सामने महिला खुद पेश हुईं और कहा कि वह नोएडा में रहती हैं और दिल्ली मार्केटिंग जॉब के कारण जाती हैं।
अदालत ने कई बार आदेश पारित किए हैं कि लोगों को आने जाने के लिए सड़कें खाली होनी चाहि,ए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। वह सिंंगल पैरेंट्स हैं और कुछ मेडिकल समस्याएं भी हैं, लेकिन नोएडा से दिल्ली जाना एक बुरे सपने की तरह हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि महिला ने जो आरोप लगाया है अगर ऐसा है तो ये प्रशासनिक विफलता है क्योंकि इस मामले में अदालती आदेश पहले हो चुका है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये उचित होगा कि प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया जाए और ये सुनिश्चित किया जाए कि सड़कें क्लियर हों ताकि आने जाने वालों को परेशानी न हो। सुप्रीम कोर्ट ने आगे की सुनवाई के लिए 9 अप्रैल की तारीख तय कर दी है। नोएडा रेजिडेंट मोनिका अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट के सामने ये मामला उठाया। उन्होंने खुद मामले में सुनवाई के दौरान अपने केस की पैरवी की।
केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को प्रतिवादी बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसके कौल की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में पहले ही अदालती आदेश पारित हो चुके हैं ये एडमिनिस्ट्रेटिव विफलता है। केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर सुप्रीम कोर्ट ने जवाब दाखिल करने को कहा है।
साभार : नवभारत टाइम्स