सिर पर मैला ढोने की प्रथा के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अगस्त में करेगा सुनवाई

सिर पर मैला ढोने की प्रथा के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अगस्त में करेगा सुनवाई
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नई दिल्ली
ने कहा है कि सिर पर मैला ढोने की प्रथा के मामले में राज्यों से जवाब देने के लिए उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता है, हम अब मामले में सुनवाई करेंगे। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि अगस्त के तीसरे हफ्ते में मामले की सुनवाई की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट में एनजीओ क्रिमिनल जस्टिस सोसायटी ऑफ इंडिया की ओर से एडवोकेट आशिमा मंडला ने अपील दलील में कहा कि सिर पर मैला ढोने के कारण पांच दिन में एक की मौत होती है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया था। मामले में 40 में से सिर्फ 13 प्रतिवादियों ने ही जवाब दाखिल किया है। सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा कि हम किसी को बाध्य तो नहीं कर सकते कि वह जवाब दाखिल करें लेकिन हम मामले में सुनवाई करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी 2019 को देश भर के तमाम राज्यों से और केंद्र शासित प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी से जवाब दाखइल करने को कहा था कि वह बताएं कि 1993 से लेकर अब तक मैला ढोने वाले लोगों की कितनी संख्या है। गौरतलब है कि 1993 में सिर पर मैलै ढोने की प्रथा अवैध घोषित कर दी गई थी। सुप्रीम करो्ट ने कहा कि मामला गंभीर है तमाम राज्य चार हफ्ते में जवाब दाखिल करें। अदालत ने मैला ढोेन के कारण होने वाली मौत का आंकड़ा भी मांगा था।

साभार : नवभारत टाइम्स

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