मजदूरों की आपबीती : सुरंग में लगा अब मर जाएंगे, तभी मोबाइल में दिखा नेटवर्क और…

मजदूरों की आपबीती : सुरंग में लगा अब मर जाएंगे, तभी मोबाइल में दिखा नेटवर्क और…
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

जोशीमठ
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद आई भीषण बाढ़ () ने खूब तबाही मचाई। इस दौरान तपोवन में एक भूमिगत सुरंग में काम कर रहे कई मजदूर मलबे में बुरी तरह फंस गए। रविवार सुबह 10 बजे से लेकर शाम करीब 7 बजे तक मजदूर सुरंग में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते रहे। सबके मन में बस यही बात थी कि आज तो उनका जीवन यहीं खत्‍म हो जाएगा। मजदूरों ने जिंदा बचने की सारी उम्‍मीदें छोड़ दी थीं, लेकिन मोबाइल फोन के नेटवर्क ने उनकी जान बचा दी। देवदूत बनकर आए आइटीबीपी के जवानों ने उन्‍हें सकुशल बाहर निकाल लिया।

दरअसल, भूमिगत सुरंग में फंसे रहने के दौरान एक मजदूर ने देखा कि उसके मोबाइल फोन का नेटवर्क काम कर रहा है। उसने तत्‍काल अपने अधिकारियों को फोन लगाया और उन्‍हें सारी स्थिति के बारे में जानकारी दी। हादसे में बचाए गए तपोवन बिजली परियोजना के लाल बहादुर ने बताया, ‘ हमने लोगों की आवाजें सुनीं जो चिल्लाकर हमे सुरंग से बाहर आने के लिए कह रहे थे, लेकिन इससे पहले कि हम कुछ कर पाते, पानी और कीचड़ की जोरदार लहर अचानक हम पर टूट पड़ी।’ उन्होंने बताया कि भारत-तिब्बत सीमा बल (आईटीबीपी) ने उन्हें और उनके 11 साथियों को भूमिगत सुरंग से बचा लिया।

‘कुछ रोशनी दिखी, सांस लेने के लिए मिली हवा’
वहीं, नेपाल के रहने वाले बसंत ने बताया, ‘ हम सुरंग में 300 मीटर अंदर थे, जब पानी का तेज बहाव आया।’ चमोली के ढाक गांव निवासी एक और श्रमिक ने बताया कि वे बस किसी तरह सुरंग के बाहर पहुंचने की कोशिश कर रहे थे। अस्पताल में भर्ती एक व्यक्ति ने बताया, ‘हमने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन फिर हमें कुछ रोशनी दिखी और सांस लेने के लिये हवा मिली…अचानक हम में से एक व्यक्ति ने देखा कि उसके मोबाइल में नेटवर्क आ रहा है। उसने महाप्रबंधक को फोन कर हमारी स्थिति के बारे में बताया।’ अधिकारियों ने कहा कि परियोजना के महाप्रबंधक ने स्थानीय अधिकारियों को इसकी जानकारी दी, जिन्होंने आईटीबीपी से उन्हें बचाने का अनुरोध किया।

आईटीबीपी अस्‍पताल में चल रहा मजदूरों का इलाज
आईटीबीपी के अधिकारियों ने बताया कि जोशीमठ में घटनास्थल से लगभग 25 किलोमीटर दूर आईटीबीपी के अस्पताल में मजदूरों का इलाज चल रहा है। यह आईटीबीपी की बटालियन संख्या एक का ‘बेस’ भी है। आईटीबीपी के अनुसार, चमोली के ऊपरी इलाकों में बाढ़ आने के बाद से 11 शव बरामद किए गए हैं, जबकि 202 लोग अभी भी लापता हैं।

साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.