संबित पात्रा का हमला, कृषि के बारे में न तो रिहाना को कुछ पता है और न ही राहुल गांधी को

संबित पात्रा का हमला, कृषि के बारे में न तो रिहाना को कुछ पता है और न ही राहुल गांधी को
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नई दिल्ली
को लेकर के ट्वीट के बाद सियासत गरमा गई है। रिहाना ने किसान आंदोलन से संबंधित एक खबर को ट्वीट करते हुए मंगलवार की रात लिखा था, ‘हम इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं? हैशटैग किसान विरोध।’ इसके बाद कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष ने भी ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला था। के प्रवक्ता संबित पात्रा ने दोनों को निशाने पर लेते हुए कहा है कि किसानी के बारे में न तो रिहाना को कुछ पता है और न ही राहुल गांधी को।

संबित पात्रा ने साधा निशानालेकिन दोनों की आदत एक है कि दोनों ट्वीट कर रहे हैं। जब महात्मा गांधी की प्रतिमा की कुछ दिन पहले ही खंडित किया गया। महात्मा गांधी हमारे राष्ट्रपिता नहीं पूरे, विश्व के लिए शांति दूत हैं। जब उनके धड़ को अलग किया जाता है, तो जो आजकल ट्वीट कर रहे हैं, जो इंटरनैशनल फिगर बने हुए हैं, किसी ने ट्वीट किया। किसी ने ट्वीट किया? किसी ने ट्वीट नहीं किया।

किसानोंं के कंधों पर बंदूक रखकर मत चलाइये- पात्राउन्होंने आगे कहा कि अभी कुछ देर पहले राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहीं न कहीं किसान बंधुओं के कंधे पर बंदूक रखकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की कोशिश राहुल गांधी जी ने की। साथ ही साथ पुनः किसानों के माध्यम से लोगों को भड़काने का भी प्रयत्न उन्होंने किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जी ने धमकाया कि कोई पीछे नहीं हटेगा, बातचीत में हम विश्वास नहीं रखते हैं। राहुल जी ये तो किसानों का आंदोलन हैं और किसानों ने कहा है कि उनका किसी राजनीतिक पार्टी से कोई सरोकार नहीं है। फिर आप उनके पैरोकार क्यों बन रहे हैं?

रिहाना का ट्वीटकिसान आंदोलन स्थल पर इंटरनेट बंद करने से संबंधित सीएनएन का एक लेख ट्विटर पर साझा करते हुए मंगलवार की रात रिहाना ने लिखा था, ‘हम इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं? हैशटैग किसान विरोध।’ इसके बाद स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भी वही लेख साझा करते हुए लिखा, ‘हम भारत में किसान आंदोलन के साथ एकजुटता में खड़े हैं।’ युगांडा की पर्यावरण कार्यकर्ता वेनेसा नकाते ने एक पोस्ट लिखी, ‘आइये हम इस बारे में बात करें कि भारत में इस समय क्या हो रहा है। किसान आंदोलन।’

हॉलीवुड अभिनेता जॉन क्यूसेक ने नकाते की इस पोस्ट को रीट्वीट किया। इसे पहले क्यूसेक फरवरी 2020 में सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शन को समर्थन दे चुके हैं। जे शॉन के नाम से मशहूर कमलजीत सिंह झूटी ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि किसान आंदोलन इतिहास में हुए सबसे बड़े आंदोलनों में से एक है फिर भी इसे पर्याप्त कवरेज नहीं दिया जा रहा है। भारतीय मूल के ब्रिटिश कलाकार ने लिखा, “मैं अमेरिका में रहता हूँ और मैंने इसे खबरों या मुख्य धारा के मीडिया में बिलकुल नहीं देखा। मुझे नहीं पता कि अधिक जागरूकता फैलाने के लिए क्या किया जाना चाहिए लेकिन मैंने ऐसे वीडियो देखे हैं जो हृदयविदारक हैं।” उन्होंने लिखा, “मेरे दादा की उम्र के लोगों को कुचला जा रहा है। कृपया मेरे लेख पर जाएं जहां मैं एक याचिका का लिंक दूंगा।”

साभार : नवभारत टाइम्स

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