किसान आंदोलन का मंच टूटने पर बोले राकेश टिकैत, कहा- 'भाग्यशाली लोगों के साथ होता है ऐसा'

किसान आंदोलन का मंच टूटने पर बोले राकेश टिकैत, कहा- 'भाग्यशाली लोगों के साथ होता है ऐसा'
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जींद
कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा के जींद में हुई महापंचायत के बाद भारतीय किसान यूनियन के चीफ ने केंद्र के खिलाफ बिगुल फूंका है। जींद के कंडेला में महापंचायत के दौरान मंच टूटने पर राकेश टिकैत ने कहा कि ऐसा भाग्यवान लोगों के साथ होता है।

इससे पहले केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए टिकैत ने मंच पर कहा कि अगर सरकार नहीं मानती है तो किसान 44 लाख ट्रैक्टरों के साथ मार्च करेंगे। इसके बाद टिकैत ने केंद्र को अक्टूबर तक की मोहलत भी दी है।

किसान महापंचायत के दौरान ऐसे गिरा राकेश टिकैत का मंच

जींद के कंडेला में पंचायत को संबोधित करने के बाद मीडिया से बात करते हुए टिकैत ने कहा, ‘पंचायत में मंच टूट गया। ये अच्छा हुआ और भाग्यशाली लोगों के साथ ही ऐसा होता है।’ टिकैत ने आगे कहा, ‘ये लोग भी वही हैं और ये ट्रैक्टर भी वही हैं। हमारे संयुक्त किसान मोर्चा के 40 लोग ही इस बारे में फैसला करेंगे और सरकार से सारी बातचीत करेंगे।’

44 लाख ट्रैक्टर के साथ करेंगे मार्च: टिकैतइससे पहले मंच पर राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार के पास अक्टूबर तक का वक्त है। अगर सरकार नहीं मानी तो हम 44 लाख ट्रैक्टर के साथ मार्च करेंगे। इस महापंचायत में हरियाणा के करीब 50 खापों के प्रतिनिधि भी महापंचायत शामिल हैं। इस महापंचायत में किसान आंदोलन की आगामी रणनीति बनाई जाएगी।

टिकैत बोले- कहीं पानी की जगह आग मांग ली होती तो क्या होता
राकेश टिकैत ने सरकार को ललकारते हुए कि 30 लाख लोग दिल्ली के अंदर आंदोलन में शामिल हुए। वहां उस दिन अगर मैंने अगर पानी की जगह आग मांग ली होती तो पता नहीं क्या होता, लेकिन मैंने पानी इसलिए मांगा क्योंकि पानी की तासीर ठंडी होती है। उन्होंने किसानों से कहा कि आप गुस्सा नहीं करेंगे आप अपना गुस्सा हमें दे दे।

‘राजा जब डरता है तब किलेबंदी करता है’
राकेश टिकैत ने कहा कि जब जब राजा डरता है तब-तब किलेबंदी करता है। उन्होंने कहा कि कीलें तो लाल किले पर भी गाडी गईं थीं। हम दिखा देंगे आने वाले 400 सालों तक ये आंदोलन याद रखा जाएगा। हम ये कीलें अपने खेतों में नहीं लगाते हैं, मेरा शरीर इन कीलों पर लेटेगा। उन्होंने सरकार को ललकारते हुए कहा कि यदि इस देश के युवा ने अगर गद्दी बदलने पर आ गया तो सरकार के लिए बुरा हो जाएगा।

साभार : नवभारत टाइम्स

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