टिकैत की सिसकियां बनेंगी हथियार! अखिलेश, केजरीवाल… इन नेताओं के उमड़े प्यार की वजह क्या है?
दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने नरेश टिकैत को ट्वीट के जरिए समर्थन का भरोसा दिलाया। साथ ही यह भी जताया कि किसानों के आंदोलन को लेकर उनकी प्रतिबद्धता अब भी कायम है। आप के ही मनीष सिसोदिया भी गाजीपुर बॉर्डर पंहुच गए। यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी फोन करके नरेश टिकैत का हालचाल लिया।
बीजेपी ने बताया था ‘अधर्मी खलनायक’ राष्ट्रीय लोकदल के नेता, किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी भी गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत से मिलने पहुंचे हैं। बस इस दौरान बीजेपी की ओर से अलग प्रतिक्रिया आई। राकेश टिकैत के आंसुओं पर बीजेपी प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने तंज कसते हुए उन्हें अधर्मी खलनायक बता डाला।
किसान राजनीति और जाट समुदाय भारतीय किसान यूनियन और टिकैत बंधुओं की राजनीति के मूल में दो तत्व अहम हैं। पहला, ये पश्चिमी उत्तर प्रदेश की किसान राजनीति के अहम प्लेयर हैं। दूसरा तत्व है इनकी जाति। राजेश टिकैत पश्चिमी यूपी में राजनीतिक और आर्थिक दृष्टि से सबल जाट समुदाय के नेता हैं। ये दोनों ही तत्व ऐसे हैं जिनकी अनदेखी मौजूदा हालात में कोई राजनीतिक दल नहीं कर सकता।
केजरीवाल की यूपी पर निगाह अरविंद केजरीवाल ने अगले दो सालों में यूपी समेत छह राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेने की बात कही है। इस आंदोलन के दौरान उनकी पूरी कोशिश है कि यूपी की सत्ता तक पहुंचने में किसानों और जाट बिरादरी से जितना अच्छा समीकरण वह बना लें उतना उन्हें फायदा होगा।
अखिलेश देख रहे वापसी का सपना अखिलेश यादव के पिता और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव जमीन से जुड़े नेता रहे हैं। उनका राजनीतिक इतिहास और समाजवादी सोच उन्हें चौधरी चरण सिंह और महेंद्र सिंह टिकैत जैसे किसान नेताओं के ज्यादा नजदीक खड़ा करते हैं। इस समय अखिलेश फिर से यूपी की सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रहे हैं। बीजेपी से जाट किसानों की नाराजगी को भुनाने का इससे बेहतर मौका उन्हें फिर नहीं मिलेगा।
राष्ट्रीय लोकदल को खोई जमीन की तलाशजयंत चौधरी किसानों के सर्वमान्य नेता चौधरी चरण सिंह के पोते हैं। जयंत के पिता चौधरी अजीत सिंह भी किसान आंदोलन के पक्ष में बोलते रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के धरने का समर्थन करते हुए जयंत चौधरी ने गुरुवार शाम ट्वीट किया था। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा – ‘अभी चौधरी अजित सिंह जी ने BKU के अध्यक्ष और प्रवक्ता, नरेश टिकैत जी और राकेश टिकैत जी से बात की है। चौधरी साहब ने संदेश दिया है कि चिंता मत करो, किसान के लिए जीवन मरण का प्रश्न है। सबको एक होना है, साथ रहना है।’ इस समय राष्ट्रीय लोकदल अपनी खोई पहचान वापस लाने के लिए किसानों के मुद्दे पर बढ़चढ़कर बोल रहा है।
इस तरह सभी राजनीतिक दल किसान और जाट समुदाय को नजर में रखकर ही अपनी रणनीति बना रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यूपी में अगर सत्ता में कोई बदलाव होता है तो उसमें ये दोनों तत्व ही अहम भूमिका निभाएंगे।
साभार : नवभारत टाइम्स