दिल्ली में किसानों की हुड़दंग का जिम्मेदार कौन? हालात हाथ से निकले तो किसान नेता हो गए गायब
एक ऐसा समय भी आया जब सेंट्रल दिल्ली के आरटीओ पर उग्र प्रदर्शनकारियों से घिरे पुलिसकर्मी को किसानों ने रेस्क्यू किया। हालांकि किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेता इससे अंजान है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ‘रैली शांतिपूर्ण तरीके से हो रही है। मुझे इसकी (हिंसक झड़प) कोई जानकारी नहीं है। हम गाजीपुर पर है और यहां ट्रैफिक रिलीज कर रहे हैं।’
पुलिस के बैरिकेड उखाड़े गए
किसानों की ट्रैक्टर परेड का समय गणतंत्र दिवस परेड के बाद का तय किया गया था। रैली के दौरान ही दिल्ली में अलग-अलग जगहों से किसानों और पुलिस के बीच गतिरोध की खबरें आने लगीं। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज की और आंसू गैस के गोले भी दागे। जगह-जगह पुलिस के बैरिकेड तोड़े गए।
तलवार लेकर पुलिस को ललकारा
उधर किसानों को रोकने के लिए पुलिस हर संभव कोशिश रही है तो किसान भी लगातार उग्र हो रहे हैं। कुछ किसानों ने तो पुलिसवालों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की भी कोशिश की। वहीं एक बुजुर्ग निहंग तलवार लेकर किसानों को ललकारता नजर आया। दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसानों के आंदोलन को आज दो महीने पूरे हो गए है।
दो लाख ट्रैक्टरों की परेड निकाली जानी है
गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए किसानों की ओर से इजाजत मांगी गई थी। करीब दो लाख ट्रैक्टरों की आज दिल्ली की सड़कों पर परेड निकाली जानी है, इसको देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। किसानों के हिंसक होते आंदोलन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो के कई एंट्री/एग्जिट गेट भी बंद कर दिए गए हैं।
साभार : नवभारत टाइम्स