Ayodhya Dhannipur Masjid: 30 किलोमीटर की दूरी पर खत्म होगा 28 सालों का संघर्ष…ये 'अनेकता में एकता' वाला भारत है

Ayodhya Dhannipur Masjid: 30 किलोमीटर की दूरी पर खत्म होगा 28 सालों का संघर्ष…ये 'अनेकता में एकता' वाला भारत है
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

नई दिल्ली
भारत हमेशा से ही विभिन्नताओं वाला देश रहा है। यहां पर हर मजहब, हर संस्कृति और अलग-अलग भाषाओं के लोग एकसाथ मिलकर रहते हैं। कहा जाता रहा है कि भारत में हर 5 से 10 किलोमीटर में आपको विभिन्नताओं की झलक देखने को मिल जाएगी। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के मशहूर किताब ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ में एक अध्याय है ‘अनेकता में एकता’। इस किताब में भारत की इसी ताकत का बखान किया गया है। शनिवार को अयोध्या की धन्नीपुर मस्जिद () की डिजायन सामने आई। सालों तक जिस मसले ने दो कौम के लोगों को आमने-सामने रखा वो अब खत्म हो गई है। अब महज 30 किलोमीटर की दूरी पर ही दोनों इमारतों का निर्माण होगा।

तस्वीर देखकर यकीन नहीं होता…देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) बन रहा है और वहीं कुछ दूरी पर ही भव्य मस्जिद का निर्माण भी हो रहा है। ये दोनों इमारतें आने वाली पीढ़ीं को शांति और मोहब्बत का एहसास जरुर कराएंगी। आमतौर पर जब भी हमारे जेहन ओ ख्याल में मंदिर, मस्जिद का जिक्र होता है तो आंखों के सामने एक तस्वीर जरुर बन जाती हैं। जिसमें कुछ मीनारें होती हैं, गुंबद होते हैं, मस्जिद के ऊपर साउंड लगे होते हैं। लेकिन अयोध्या की धन्नीपुर मस्जिद वैसी बिल्कुल नहीं है।
अगर लोगों को केवल तस्वीर दिखाकर पूछा जाए कि क्या ये मस्जिद है तो यकीन मानिए 100 से 90 लोग उसको या तो कोई 5 सितारा होटल कहेंगे या फिर एयरपोर्ट, मॉल या फिर कोई घूमने फिरने की जगह।

300 बेड का अस्पतालइंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) की वर्चुअल बैठक में अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद का डिजाइन जारी किया गया। खास बात यह है कि इस मस्जिद में कोई गुंबद नहीं होगा। पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद के अलावा म्यूजियम, लाइब्रेरी और एक कम्युनिटी किचन भी बनेगा। 200 से 300 बेड का एक अस्पताल भी इसी जमीन पर बनवाया जाएगा। मस्जिद का डिजाइन जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के आर्किटेक्चर विभाग के प्रफेसर एसएम अख्तर ने तैयार किया है। बैठक में तय किया गया कि मस्जिद का नाम किसी बादशाह के नाम पर नहीं होगा।

26 जनवरी या 15 अगस्त को शुरु होगा निर्माणफाउंडेशन के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने बताया कि मस्जिद निर्माण नक्शा पास होने के बाद शुरू होगा। अप्रूवल मिला, तो 26 जनवरी को निर्माण की शुरुआत की जा जाएगी। इस अवसर पर कोई बड़ा आयोजन नहीं होगा। अगर 26 जनवरी को काम नहीं शुरू हो पाता है तो 15 अगस्त की तारीख का विकल्प रखा गया है। बताया जा रहा है कि पूरा प्रॉजेक्ट दो साल में तैयार होगा। मीटिंग में तय हुआ कि साइट पर सबसे पहले मिट्टी की टेस्टिंग कराई जाएगी, जिसके बाद मस्जिद का नक्शा पास कराया जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद ही निर्माण शुरू होगा। मस्जिद, हॉस्पिटल, म्यूजियम सबकी नींव एक साथ रखी जाएगी।

दो हजार लोग अदा कर पाएंगे नमाजएसएम अख्तर ने बताया कि मस्जिद 3500 वर्ग मीटर में बनेगी। यहां एक साथ दो हजार लोग नमाज पढ़ सकेंगे। मस्जिद दो मंजिला होगी। महिलाओं के लिए अलग जगह तय होगी। इमारत ईको-फ्रेंडली होगी और इसमें सोलर एनर्जी का इस्तेमाल होगा। हॉस्पिटल को 24150 वर्ग मीटर में बनाया जाएगा। ट्रस्ट के मुताबिक इस जमीन पर बनने वाला अस्पताल चार मंजिला होगा। कम से कम 200 बेड इस अस्पताल में होंगे और यह चैरिटी मॉडल पर काम करेगा।

साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.